आज शारदीय नवरात्रि की षष्‍ठी तिथि है, पूरे देश में शारदोत्‍सव चरम पर है, अष्‍टमी-नवमी तिथि की तैयारियां जोरों पर हैं.

देश के सभी देवी माता मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

उज्‍जैन का माता हरसिद्धि मंदिर भी ऐसा ही है, जहां रोजाना भक्‍तों की भीड़ उमड़ रही है, ये मंदिर देवी के शक्तिपीठों में से एक है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर माता सती की दाएं हाथ की कोहनी गिरी थी.

ये मंदिर इसलिए भी खास है क्‍योंकि उज्‍जैन में महाकाल मंदिर भी है, इस तरह एक ही शहर उज्‍जैन में भगवान शिव और माता शक्ति दोनों के स्‍थान हैं.

हरसिद्धि मंदिर के पास ही उज्जैन के राजा विक्रमादित्य का भी स्थान है, माता हरसिद्धि राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी थीं.

हरसिद्धि माता मंदिर के बाहर 1011 दीप माला हैं जो 51 फीट ऊंची हैं, इन दीपों को प्रज्‍वलित कराने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी वेटिंग रहती है.

वहीं इन ऊंचे-ऊंचे दीप स्‍तंभों पर बने दीपकों को जलाना भी आसान नहीं होता है, फिर भी 6 लोग मिलकर 5 मिनट में ये 1011 दीप प्रज्जवलित कर देते हैं.