महापर्व छठ पूजा 17 नवंबर से होने जा रहा है, छठ महापर्व सिर्फ बिहार और अपने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी धूमधाम और सात्विकता के साथ मनाया जाता है.

छठ पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय खाय से शुरू होता है.

जो पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर पारन के साथ संपन्न किया जाता है.

नहाए खाए से शुरू होने वाला छठ महापर्व चार दिन तक चलता है.

छठ पूजा के नहाय खाय के दिन व्रती नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं.

नहाए खाए के बाद खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है ,जो इस साल 18 नवंबर को है, खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं.

इसलिए इस दिन गु़ड़ से बने चावल की खीर खाई जाती है, इसे मिट्ठी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से पकाने की प्रथा है.

घाट पर छठ व्रती एक-दूसरे को सिंदूर भी लगाती हैं, ऐसी मान्यता है कि संतान सुख के साथ इस व्रत से अखंड सौभागवती और सुहागन रहने का वरदान भी प्राप्त होता है.