दोपहर में खाने के बाद नींद आना स्वाभाविक होता है.
दोपहर में खाने के बाद नींद आना स्वाभाविक होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक दोपहर में जब हम खाना खाते हैं तो पाचन तंत्र में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक दोपहर में जब हम खाना खाते हैं तो पाचन तंत्र में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है.
कुछ रिसर्च में बताया गया है कि छोटी सी नैप अलर्टनेस और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.
कुछ रिसर्च में बताया गया है कि छोटी सी नैप अलर्टनेस और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.
अगर यह आदत बन जा रही है तो इसकाआपकी सेहत पर निगेटिव असर पड़ सकता है.
अगर यह आदत बन जा रही है तो इसकाआपकी सेहत पर निगेटिव असर पड़ सकता है.
इसकी वजह से मस्तिष्क में ब्लड की सप्लाई कम हो सकती है, और नींद, थकान की समस्या हो सकती है.
इसकी वजह से मस्तिष्क में ब्लड की सप्लाई कम हो सकती है, और नींद, थकान की समस्या हो सकती है.
खाने के बाद शरीर में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जिसकी वजह से झपकी ज्यादा आती है.
खाने के बाद शरीर में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जिसकी वजह से झपकी ज्यादा आती है.
दिन में छोटी झपकी या नींद याददाश्त को बेहतर बनाने का काम करता है और इससे शरीर एक्टिव भी रहता है.
दिन में छोटी झपकी या नींद याददाश्त को बेहतर बनाने का काम करता है और इससे शरीर एक्टिव भी रहता है.
हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन में देर तक सोने वाले वयस्कों में डायबिटीज, हार्ट डिजीज और डिप्रेशन जैसी समस्याएं होने का खतरा ज्यादा रहता है.
हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन में देर तक सोने वाले वयस्कों में डायबिटीज, हार्ट डिजीज और डिप्रेशन जैसी समस्याएं होने का खतरा ज्यादा रहता है.