हिंदू धार्मिक में पूजा-पाठ करने के बाद हाथ में कलावा बांधने का विधान होता है, मान्यता है बिना कलावे के पूजा अधूरी मानी जाती है.

धार्मिक दृष्टि से इसे रक्षा सूत्र माना जाता है, मान्यता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली विपत्तियां दूर हो जाती है.

इसके अलावा, कई लोग पैरों में काला धागा भी पहनते हैं, मान्यता है कि इसे पहनने से बुरी नजर नहीं लगती, साथ ही कुंडली दोष भी दूर होता है.

हाथ में कलावा बांधते समय, कलाई पर उसे सिर्फ तीन बार लपेटें, धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसे तीन बार लपेटने से साधक को ब्रह्मा, विष्णु और महेश, तीनों देवों की आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है.

इसके अलावा माता लक्ष्मी और पार्वती भी प्रसन्न रहती हैं, वहीं कलावा को ग्रहण के बाद उतार दिया जाना चाहिए.

मान्यता है कि सूतक काल के बाद वह अशुद्ध हो जाता है, उतारने के बाद उसे किसी बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए या फिर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें.

इस बात का ध्यान रखें कि कलावा कभी भी कूड़ेदान में ना डालें, ऐसा करना अशुभ माना जाता है.

माना जाता है कि पैर में काला धागा बांधने से कुंडली दोष दूर होता है वहीं, काला धागा बांधने से व्यक्ति की सेहत में सुधार भी आता है.