हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन से ही शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.

इस साल तुलसी विवाह का पर्व 24 नवंबर, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.

कार्तिक मास भगवान विष्णु को सबसे प्रिय है, इस मास में भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं.

शास्त्रों में कार्तिक मास में तुलसी विवाह पर्व का विशेष महत्व बताया गया है, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी होती है.

इस दिन कुछ खास उपाय करने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.

इसके लिए पति-पत्नी को किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, अगर यह सम्भव नहीं है तो घर पर ही पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल मिलकर स्नान कर लें.

तुलसी के पत्तों को साफ पानी में डालें और कुछ देर रखने के बाद पूरे घर में इस जल का छिड़काव करें, माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और दाम्पत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है.

तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम जी का विवाह रचाने से वैवाहिक जीवन में मिठास घुलती है, इससे जीवन की सारी समस्‍याएं दूर होती हैं और पति-पत्‍नी का रिश्‍ता मजबूत होता है.