धनतेरस से ही दिवाली के त्योहार की शुरूआत हो जाती है, इस दिन धन देवता यानी कुबेर जी की पूजा की जाती है.

आज हम आपको उत्तराखंड में स्थित कुबेर जी के सबसे पुराने मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां अर्जी लगाने से ही धन की बरसात होने लग जाती है.

:धनत्रयोदशी का त्योहार आज यानी शुक्रवार 10 नवंबर को मनाया जा रहा है, इस दिन बर्तन और गहनें को खरीदते हैं.

ये मंदिर देवभूमि उत्तराखंड से 40 किलोमीटर की दूरी परजागेश्वर धाम नामक का मंदिर स्थित है.

इस धाम में एक कुबेर मंदिर भी है, इस पवित्र मंदिर में स्थानीय लोग हर दिन पूजा-पाठ करते हैं.

धनतेरस और दिवाली के दिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है और  ये देश का छठा कुबेर मंदिर है, यहां एकमुख शिवलिंग में कुबेर भगवान विराजमान हैं.

इस कुबेर मंदिर का इतिहास काफी दिलचस्प है, कहा जा रहा है कि इस मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में किया गया था.

जिन लोगों का कारोबार ठीक ढंग से नहीं चल रहा या फिर पैसों की कमी आ रही है, वे लोग इस कुबेर मंदिर में अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं.

इस मंदिर से जुड़ी एक और मान्यता है कि यहां केगर्भगृह की मिट्टी ले जाकर अपनी तिजोरी में रखते है, उसके घर में कमी धन की कमी नहीं होती.