साल में एक बार आने वाली दिवाली सभी के लिए खास होती है, इस दिन घर और बाहर दोनों जगहों को दीये की रोशनी से रोशन किया जाता है।
साल में एक बार आने वाली दिवाली सभी के लिए खास होती है, इस दिन घर और बाहर दोनों जगहों को दीये की रोशनी से रोशन किया जाता है।
इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी, दिवाली परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ाने वाला त्योहार है।
इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी, दिवाली परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ाने वाला त्योहार है।
इसकी शुरुआत धनतेरस से मानी जाती है, हिंदू धर्म में धनतेरस का भी विशेष महत्व है।
इसकी शुरुआत धनतेरस से मानी जाती है, हिंदू धर्म में धनतेरस का भी विशेष महत्व है।
पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, साथ ही माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है।
इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, साथ ही माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी और पीतल खरीदने की मान्यता है, इसके अलावा झाड़ू खरीदने का विशेष महत्व है।
धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी और पीतल खरीदने की मान्यता है, इसके अलावा झाड़ू खरीदने का विशेष महत्व है।
ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से साल भर घर में बरकत बनी रहती हैं।
ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से साल भर घर में बरकत बनी रहती हैं।
मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, कहा जाता है झाड़ू खरीदने से घर में बरकत बनी रहती है।
मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, कहा जाता है झाड़ू खरीदने से घर में बरकत बनी रहती है।