आंचलिक भाषा हम अपनी मां के मुख से सुनते हैं: प्रसिद्ध लेखिका विभा रानी

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: December 29, 2021

सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम के तीसरे सत्र में आज मूल्यों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण विषय पर बोलते हुए प्रसिद्ध लेखिका विभा रानी ने कहा कि हम आंचलिक बोलियां अपनी मां के मुख से सुनते हैं उन्होंने कहा कि आज स्त्री अधोवस्त्र से मुक्त होने की आजादी पुरुष समाज से चाहती है।

ALSO READ: Indore एयरपोर्ट में जांच के दौरान पॉजिटिव मिली महिला, फ्लाईट में जाने से रोका

विभा रानी ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा के माध्यम से भी बोलियां चलन में आती है मिथिला भाषा में तो शादी में गाली दी जाती है इससे पहले उमा कलमकार ने कहा कि बोलियों के माध्यम से विभिन्न प्रतीकात्मक शब्द बन गए हैं जिसमें बड़े मीठे शब्द चलन में आ गए हैं इससे पहले लेखिका पदमा राजेंद्र ने कहा कि मालवी में कई ऐसे शब्द जो गाली के रूप में हैं लेकिन वह बड़े मीठे लगते हैं और इनका उपयोग बड़े बूढ़े करते आए हैं।