Indore News : जिस प्रकार सफऱ में फर्स्ट क्लास का टिकट लेकर थर्ड क्लास में सफऱ करने वाला मूर्ख कहलाता है ठीक उसी तरह हमें भी मनुष्य भूमि फर्स्ट क्लास के टिकट की तरह मिली है और हम इसे थर्ड क्लास में सफऱ कर बर्बाद कर रहे हैं। देव भूमि, नरक भूमि तथा तिर्यंच भूमि में से मनुष्य भूमि सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। मनुष्य भूमि को पाकर इसे रणभूमि, मरूभूमि व रंगभूमि ना बनाते हुए तपोभूमि बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
उक्त विचार बुधवार को महूनाका स्थित वर्धमान नगर में आयोजित धर्मसभा में आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीरश्वरजी मसा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। आचार्यश्री ने आगे अपने प्रवचनों में कहा कि चार प्रकार कि भूमियो का वर्णन करते कहा कि मनुष्य जीवन में भी रणभूमि, रंगभूमि, मरुभूमि और तपोभूमि होती है। इनके अलावा मनुष्य भूमि जो होती है वह इन चारों भूमियो से सर्वश्रेष्ठ मानी गई है।
इसलिए मनुष्य भूमि को पाकर रणभूमि, रंगभूमि, मरुभूमि ना बनाते हुए तपोभूमि बनाओ। बुधवार को आचार्यश्री के सान्निध्य में वर्धमान नगर रहवासी संघ ने अपनी छतों पर मूक परिदों के लिए दाना-पानी रखने का भी संकल्प लिया। श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट अध्यक्ष विजय मेहता एवं कल्पक गांधी ने बताया कि गुरूवार 30 मई से 1 जून तक आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा गुमाश्ता नगर में सुबह 9.15 से 10.15 बजे तक प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।
इसी के साथ 2 से 3 जून द्वारकापुरी श्रीसंघ, 4 जून पाश्र्वनाथ नगर, 5 से 9 जून तिलक नगर श्रीसंघ, 10 से 12 जून अनुराग नगर श्रीसंघ, 13 से 14 जून विजय नगर श्रीसंघ, 15 से 16 जून सुखलिया, 17 से 18 जून क्लर्क कालोनी, 19 से 21 जून वल्लभ नगर, 22 से 23 जून पत्थर गोदाम, 24 से 29 जून रेसकोर्स रोड़, 30 जून राऊ एवं 1 से 3 जून जानकी नगर श्रीसंघ में आचार्यश्री का मंगल प्रवेश होगा।