Wayanad By Election Result 2024 : केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर जारी उपचुनाव की मतगणना पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में हैं। शुरुआत में मिले रुझानों के अनुसार, प्रियंका गांधी लगभग 20,000 वोटों से आगे चल रही हैं। इस सीट पर प्रियंका का मुकाबला बीजेपी की नव्या हरिदास और वाम मोर्चा (CPI) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी से है।
मतदान और प्रियंका गांधी की चुनावी यात्रा
वायनाड में इस उपचुनाव में लगभग 65 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम था। प्रियंका गांधी के लिए यह चुनावी शुरुआत है, जबकि उनकी पार्टी कांग्रेस के अन्य नेता राहुल गांधी पहले इस सीट से सांसद थे। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड से चुनाव लड़ा था, और उस समय यहां लगभग 74 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो 2024 के उपचुनाव में देखा गया मतदान प्रतिशत से अधिक था। प्रियंका गांधी का यह उपचुनाव में पहला कदम है, और इसे कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वायनाड के निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी
वायनाड लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधानसभा सीटें आती हैं:
- वायनाड जिले की मनंतावाड़ी (सुरक्षित),
- सुल्तान बथेरी (सुरक्षित),
- कलपेट्टा,
- कोझिकोड जिले की तिरुवमबाडी,
- मलप्पुरम जिले की ईरानद,
- निलांबुर, और
- वंडूर सीटें शामिल हैं।
2019 में राहुल गांधी ने इस सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी, लेकिन अब राहुल गांधी ने रायबरेली से अपनी सीट जीतने के बाद वायनाड सीट खाली कर दी थी, जिसके कारण इस उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी।
BJP उम्मीदवार का आरोप
वायनाड उपचुनाव से पहले, बीजेपी उम्मीदवार नव्या हरिदास ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाए। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने वायनाड को “खारिज” कर दिया था, जबकि रायबरेली सीट को बनाए रखा। उनका यह भी कहना था कि पिछले चुनावों के बाद से वायनाड में विकास की गति धीमी हो गई है। नव्या हरिदास ने आरोप लगाया कि भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाओं के बावजूद, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसके कारण ही इस बार मतदान प्रतिशत भी कम हुआ। नव्या का दावा था कि यदि वायनाड में असली विकास चाहिए, तो लोग एनडीए (National Democratic Alliance) को चुनेंगे।
वायनाड उपचुनाव कांग्रेस के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह पार्टी के लिए एक प्रमुख राजनीतिक पुनर्निर्माण की संभावनाओं को प्रदर्शित करता है। प्रियंका गांधी का चुनावी मैदान में उतरना कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा संदेश है। हालांकि, बीजेपी और वाम मोर्चा दोनों ही इस सीट को जीतने के लिए जोर-शोर से प्रयास कर रहे हैं, और हर पार्टी के लिए यह उपचुनाव अपनी राजनीतिक उपस्थिति को साबित करने का अवसर है।