केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने शनिवार को नई दिल्ली में सौजन्य भेट की। ईआरसी चंबल-पार्वती-काली सिंध परियोजना के लिए राजस्थान सरकार के साथ एमओयू साइन होने पर मंत्री श्री सिलावट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का आभार व्यक्त कर केन बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में भी चर्चा की।
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने प्रदेश के 5 हजार से अधिक मध्यम और लघु तालाबों का जीर्णोद्धार कराने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज देने की मांग भी रखी। उल्लेखनीय है कि जल संसाधन विभाग के अधीन लगभग 5,800 बड़े, छोटे एवं मझौले तालाबों का निर्माण कर 41.80 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता निर्मित की जा चुकी है। इसमें बढ़ोत्तरी कर 53 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है।
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को बताया कि प्रदेश में निर्मित कई तालाब वर्षों पुराने हैं। इनमें सुधार, मरम्मत की आवश्यकता है। साथ ही निर्मित तालाबों में जल के साथ आ रही गाद (silt) जमा होने से इनकी जल भराव क्षमता में भी कमी आती है। कई तालाब नगरीय क्षेत्र में आ जाने से इनका सौंदर्यीकरण कर इनके आस-पास वृक्षारोपण कर इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके लिये विभाग द्वारा एक योजना तैयार की जा रही है। इसमें लगभग 150 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। श्री सिलावट ने केन्द्रीय मंत्री से योजना के क्रियान्वयन के लिये 150 करोड़ रूपये आवंटित करने का अनुरोध किया।
श्री सिलावट ने जल संसाधन विभाग की नहरों के सुदृढ़ीकरण के साथ उन्हें और अधिक व्यवस्थित करने के लिए केंद्र सरकार की पॉलिसी आरआरआर (ट्रिपल आर) के अनुसार स्वीकृति प्रदान कर राशि आवंटन की मांग भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखी। केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने सभी विषयों पर शीघ्र कार्रवाई कराने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए।