नई दिल्ली। दिल्ली में मूसलाधार बारिश से हालात बेकाबू हो गए है। लगातार बारिश की वजह से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कई निचले इलाकों में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। 45 साल के बाद एक बार फिर दिल्ली डूबने की कगार पर आ गई है। लगातार बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। जिसने 1978 के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
दिल्ली में 4 दिन से यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर है। दिल्ली के तमाम इलाकों में अभी भी पानी भरा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली में सभी स्कूलों को 16 जुलाई तक बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर सड़क पर पानी भर गया है। दिल्ली के यमुना बाजार इलाके की हालत ज्यादा खराब है। भारी बारिश के बाद दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना से मदद की मांग की है। लोगों की मदद के लिए NDRF की 16 टीमें लगाई गई हैं। आज लाल किले में पर्यटकों के जाने पर रोक लगा दी गई है।
यमुना नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। अगर बात 1978 की करें तो यमुना आखरी बार सबसे अधिक स्तर पर आ गई थी, जहां 207.49 मीटर था जो अभी तक का रिकॉर्ड माना जा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में धारा 144 भी लगा दी गई है। सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 208.46 रिकॉर्ड किया था। आईटीओ के पास पानी भर चुका है। दिल्ली सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स को भी राजघाट पर तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि यमुना के जलस्तर में 17 सेंटीमीटर की गिरावट आई है। दिल्ली में यमुना का पानी ITO तक आ गया है। कल की तुलना में आज जलस्तर कुछ सेमी तक घटा है।