शत शत नमन. आज भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य तिथि है

Mohit
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वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त

पांच साल पहले आज ही के दिन, 27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर व्याख्यान देते समय दिल का दौरा पड़ने के बाद वह पूरी दुनिया को अलविदा कह गये थे।

साथ लगी तस्वीर कलाम साहब के साथ विदेश यात्रा से लौटते समय विमान में उनसे बातचीत के समय की है. उनके साथ देश, विदेश की उनकी कई यात्राओं में शामिल होने का गौरव हासिल हुआ. हर बार अलग तरह के अनुभव और संस्मरण।  भारत का सर्वांगीण विकास कैसे हो, कैसे यह देश महाशक्ति बन सके, भारत देश को प्राकृतिक आपदाओं से बचने और जूझने के उपाय क्या क्या हो सकते हैं।

इस तरह की न जाने कितनी चिंताओं से ता उम्र जूझते और उपाय-समाधान ढूंढते रहे डा. कलाम के साथ अपनी यात्राओं के संस्मरण को संजोने और उसका संग्रह बनाने की कोशिश में लगा हूं।