व्रत और त्यौहार : गणेश चतुर्थी पर सदियों के बाद बन रहा है वह विशिष्ट संयोग, जो बना था भगवान विनायक के जन्म के समय

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सनातन धर्म के प्रथम पूज्य देव भगवान महागणेश का आज अवतरण दिवस है। आज का दिन हमारे देश और धर्म में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश रिद्धि सिद्धि के दाता होने के साथ ही शुभ और लाभ के कारक भी हैं। इसके साथ ही भगवान गणेश बल और बुद्धि के भी प्रदान करने वाले हैं। आज का यह पवित्र दिन एक महोत्स्व के रूप में हमारे देश में मनाया जाता है।

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गली-गली धूम घर घर बिराजेंगे गणेश जी

गणेश चतुर्थी का दिन महापर्व के रूप में हमारे देश में पुरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जहां इस दौरान घर -घर में भगवान गणेश की स्थापना होती है , वहीं देश के लगभग हर राज्य में इस दौरान गली -गली में गणेश उत्स्व के सार्वजनिक आयोजन भी होते हैं। इन सार्वजनिक गणेश उत्सव कार्यक्रमों की शुरुआत भारत की आजादी से पहले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने देश के नागरिकों को आपस में जोड़ने के उद्देश्य से की थी जोकि निरंतर जारी है।

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बुधवार, चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र

ज्योतिष विज्ञान के अनुभवी जानकारों के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी पर वे सभी दुर्लभ संयोग निर्मित हो रहे हैं, जोकि भगवान गणेश के जन्म के समय बने थे। भगवान गणेश के जन्म का दिन भी आज ही की तरह बुधवार था, इसके साथ ही उस विशिष्ट दिन को चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र एक साथ आए थे, जोकि इस वर्ष भी एक साथ उपस्थित हैं। ऐसा दुर्लभ संयोग लगभग 300 वर्षों के बाद निर्मित हो रहा है।