मतदाता नईं लै पारव करौंटा, मामा विकास की गारंटी दैरय,तो नाथ कैरय इनने भरोसे कौ गरौ घौंटा

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कौशल किशोर चतुर्वेदी

इन दिनन चार उपचुनाव वाले क्षेत्र के मतदाताओं की तबियत थोड़ी नरम थोड़ी गरम है। सालों दर्शन न देने वाले नामी-गिरामी, राजा नहीं तो राजा से कम भी नहीं, सरकार की पार्टी के और 15 महीने में गिर गई सरकार की पार्टी के बड़े-बड़े नेता तो मानो आए दिन गली-कूचों में आ-आ कें मानो दिमाग खों सिर के ऊपर तक अपनी बातन से भरें दैरय कि मतदातन खौं समझ में नईं आरव कै कौन सी पार्टी खों वोट दे दें। शाम होतई जैसे सूरज थक हार कैं पश्चिम दिशा में खटिया बिछा कैं निर्भूलौ होकैं सो जात सो बारह घंटा बादई पूरब में ऊंगत…बिलकुल बौई हाल मतदाताओं कौ हौगव। शाम खौं जैसेई घर पौंचत सो रोटी खा कै, ऐसौ गस्त खाकै खटिया पै गिरत कै भोर कब हो जात पतौ नईं चलत। बोली तनक बुंदेली जैसी है, कायसै कै उतै भी चुनाव हौ रओ है भैय्या और बड़े-बड़े नेतन सैं भरौ परौ है अबै पूरौ कौ पूरौ शहर और देहात।

अबै परौं रात की बात है कि थक हार के रमदीना अपनी खटिया पे परौ परौ बर्रान लगौ और बड़बड़ान लगौ। ईसैं घर में सब औरन की आंख खुल गई। ऊको हाल ऐसौ कि ऊखौं खूब झकझोरौं, पर वो है कि होश में न आव। सो घर के लोगन ने मोहल्ला के और जनन खौं भी बुला लव। फिर सबने मिलकै सुनौ कै का कैन चारव तो वौ बेचारों रमदीना।

रामदीन नै बोलवों शुरू करौ कै भैया अब तुमई सोच लेव कै की खौं वोट दंय चईयै। अब दोई साल बचे हैैं और प्रदेश में कमल के फूल की सरकार है। हम मौड़ी मौड़न के मामा कै रय कै हम विकास की गारंटी दै रय। मध्यप्रदेश में हम मामा और केंद्र में हमाय मोदी जी। अब तुमई बताओ विकास हुए कै नईं। मोदी जी ने अस्पताल में इलाज फ्री कर दव वो आसमान भारत योजना में और मामा नै तो गरीब के लाने का नईं करो। एक रुपईया किलो गेहूं चावल राशन दवई है और संबल योजना तुम जानतई हो, मरवै के बाद भी पांच हजार की मदद हमाई सरकार दै रई। मामा साचीं कैरयते कै ऊ कमलनाथ ने तो सब योजनाओं खौं बंदई कर दवतों। वो तो भलौ उन सिंधिया जी खौ, कै वापस मामा की सरकार बनवा दई। अब दो साल के लाने भाजपा को उम्मीदवार चुनौ तो फायदे में रैव कै नईं। तुमईं बताओ। मामा गरीब, किसान, ऊंच-नीच सबई की तौ सोचत। और सड़कन कौ हाल पतौ है का हतों ऊं कांग्रेस की सरकार में। हड्डा हड्डा डोल जातते और पतौ नईं चलत तौ कै गाड़ी गड्ढा में है या गड्ढा गाड़ी में। समझ में आई गई हुईयै बंटाढार की सरकार कौ हाल। और भैय्या अब तो वे निक्कर तक गिर गए, कित्ते गिरैं जे कांग्रेसी। तौ भैय्या गलती नईं करनै विकास की गारंटी हमाई, ध्यान धरियो कमल पै मुहर लगावनै और भाजपा खौं जितावनै।

रामदीन इतई नईं रुकौ। बड़बड़ान लगौ कि का करैं पर वौ कमलनाथ सोई, बोलवै में वौ भी कम नईयां भैय्या। वौ कैरवतो कै जौ मामा झूठ के अलावा कछू नईं बोलत। नारियल फोर देत फिर लौटकें नईं देखत। बताऔ इनकी पार्टी में कोऊ है जीनै आजादी की लड़ाई लडीं होय। एकऊ नाम बता दैं तो जो कैं हम वौई करवै खों तैयार हैं। अरे हमाई सरकार कैसे गिराईती वौ तौ पूरी दुनिया ने देखौई है। अब हमनै भी सोच लव, कै जब तक फिर सरकार न बना लैं तब तक चैन से नईं बैठनें। पांच साल खौं जनता ने चुनौं थो, पर पंद्रह मईना मेंई गरौं घौंट दओतो इनने भरोसे को और लोकतंत्र खो। पंद्रह मईना में भी तीन मईना तो चुनावन में अचार संहितई लगी रईती, सो हमै बस ग्यारई मईना तो मिल पाएते काम के लानै। हमनैं ऊमें भी का-का नईं करौ। चाए किसानन के कर्जमाफी की बात होय, सस्ती बिजली की बात हो चाए दूसरे काम। जब रैन देते, तब तौ पूरे कर पाते। अब तुमई देख लो, इतनी महंगाई देखी ती कभऊं ई सैं पैलें। नईं न, जौ और कोऊ नईं मोदीअई आ कर रऔ। अब इनकी बातन में बिलकुल नईं आनैं। इनके ना तो सबई फर्जी है, जब हम आएं तब दिखाएं कै असली का होत। तुमें तौ हमाए प्रत्याशी खौंई जितानै और इनैं सबक सिखानें। कायसै कै दो साल बाद फिर हमाई सरकार बननै है, देख लईयौ। फिर हम उन सब खौं देख लें, जो अबै गड़बड़ कर रयै। एक एक कर कैं पूरौ हिसाब चुका दैं। बिलकुल चिंता न करियो कांग्रेसई खों जितानै, और पंजई पे मुहर लगानैं।

बड़बड़ तो ठीक, रामदीन ने सोवै में कभऊं दाईनौ करौंटा बदलौ, तो कभऊं बाईं तरफ करौंटा लैन लगौ। पर पूरी रात बड़बड़ाउत रऔ बेचारौ। दाईंने करौंटा लै तो बोलन लगै कि विकास की गारंटी है भैय्या और बाएं करौंटा लै सो बोलन लगै कि दो साल बाद हमाई सरकार बननै है भैय्या। ई पंचायत खौं सुनत मोहल्ला किन की पूरी रात निकर गई, एक पल के लानै आंख नईं मींच पायै बेचारे। रामदीन ने तो पूरे मोहल्ला को चैन छीन लव रात भर। लोग भी का करैं, उनें खुदई समझ में नईं आ रव कै करैं सो करैं का, सो रमदीनई की बात सुनत रयै। पर रमदीना नै भी तो नईं बताई कै ऊनै मन में सोची का करवे की है? आंख खुली सो पूछन लगौ कि का होगव भैय्या, हमाये घर में का पंचयात जुरी सो भीड़ लगाएं बैठे सब। सबनै अपनौ मूड़ पकर लऔ, अब का कते बिचारे सैं। जौई सोच लव कि उन्तीस तक सबकी सुनत रव और हां जू हां जू करत रव, फिर तीस तारीख खौं देखें कि करनै का है। विकास की गारंटी पे भरोसौ करनें या फिर भरोसे को गरौ घौंटवे की बात पै। इत्ते में सूरज खटिया टिका कै बादर में ऊंग गऔतो कि रमदीना के घर से उठकै लोग दातुन कुल्ला करकै फिर सोचन लगे कै आज कौन से नेतन की सभा खौं सुनवे जानें। तब तक रमदीना चिल्लया कै बोलों कि आज तो गांव मेंई नेताजी सबसे बात करवे वारे हैं।