विधानसभा चुनाव से पहले 25 लाख रुपए बढ़ गया विधायकों का स्वेच्छा अनुदान, ‘माननीयों’ की हुई बल्ले-बल्ले

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मध्य प्रदेश में विधायकों को मिलने वाली विधायक निधि को खर्च करने के नियम को सरल बनाने की तैयारी पूरी हुई। मध्य प्रदेश में विधायकों की स्वेच्छा अनुदान राशि बढ़ाकर 75 लाख कर दी गई है। इसमें 25 लाख रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वेच्छा अनुदान योजना के तहत अधिकतम 5000 की राशि को 10 हजार रुपए किया जाएगा, यानी विधायक अधिकतम ₹10000 तक की राशि का चेक जरूरतमंद को दे सकेंगे।

कांग्रेस विधायक ने इस राशि की सीमा को ₹25000 किए जाने की मांग की है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी इसका समर्थन किया। इस पर मुख्यमंत्री ने चर्चा कर इसे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। चुनाव से पहले स्वेच्छा अनुदान राशि बढ़ने पर विधायकों में खुशी है। प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा स्वेच्छा अनुदान राशि बढ़ने पर विधायकों को लोगों की मदद करने में सहूलियत होगी। छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में किसी बीमार के इलाज के लिए अनुदान देने में अब आसानी हो जाएगी।

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अभी विधायकों को मिलती है इतनी विधायक निधि

बता दें कि वर्तमान में मध्य प्रदेश के विधायकों को 1 करोड़ 85 लाख रुपए की विधायक निधि मिलती है। वे राशि से अपनी अनुशंसा से जनकार्य, विकास कार्य, खेल, शिक्षा आदि पर खर्च कर सकते हैं। इसके लिए प्रस्ताव विधायक की अनुशंसा पर ही मंजूर होते हैं और राशि भी इसी आधार पर दी जाती है। कमलनाथ सरकार के दौरान भी विधायकों की स्वेच्छानुदान राशि बढ़ाए जाने पर चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन तब यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी। लेकिन अब विधायकों की यह राशि बढ़ गई है।