Supreme Court : कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को आरोपी बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों नेताओं के खिलाफ जारी बेल वॉरेंट पर रोक लगाई है, लेकिन साथ ही यह निर्देश भी दिया कि उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
Supreme Court ने याचिका पर जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है। यह मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे मानहानि मामले से जुड़ा हुआ है। भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान और उनके सहयोगियों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज किया गया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और तीनों नेताओं को ट्रायल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।
2021 पंचायत चुनाव से पहले दिए गए थे मानहानिकारक बयान
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने निचली अदालत में अपनी शिकायत में कहा था कि 2021 में मध्यप्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए थे, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची थी। तन्खा के अनुसार, इन बयानों का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना था। इसके बाद, 20 जनवरी 2024 को जबलपुर की विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत आरोपों की सुनवाई शुरू की और इन तीनों नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें अदालत में तलब किया था।
क्या है मामला?
विवेक तन्खा ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेताओं ने 2021 के पंचायत चुनाव से पहले उन्हें बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक और झूठे बयान दिए। इन बयानों से उनकी छवि को नुकसान हुआ और सार्वजनिक जीवन में अपमानित होने की स्थिति उत्पन्न हुई। इसके खिलाफ तन्खा ने मानहानि का मामला दर्ज कराया। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है, जहां भाजपा नेताओं ने अपनी याचिका पर रोक लगाने की कोशिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, अब तीनों नेताओं को ट्रायल कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है, और मामले की आगे की सुनवाई में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।