मध्य प्रदेश में पेपर लीक का वायरल मैसेज फर्जी, अधिकारी बोले- यह पेपर पिछले साल का है, इसे एडिट कर वायरल किया

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आज से मध्य प्रदेश में 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई है। जिसके चलते बच्चों में एग्जाम का तनाव देखा जा सकता है। आज यानी सोमवार को 10वीं के हिंदी का पहला पेपर था। मगर एग्जाम शुरू होने से पहले ही पेपर राज्य के अलग-अलग शहरों में वायरल हो चूका था। जानकारी के अनुसार यह हिंदी का पेपर टेलीग्राम और वाट्सएप ग्रुप के जरिए तेजी से वायरल हो गया था।

प्रदेश में इस खबर के आते ही हड़कंप मंच चूका था। प्रशासन ने तुरंत इसकी कार्रवाई शुरू कर दी थी। कुछ देर पहले इंदौर जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने कहा कि वायरल हो रहा पेपर पिछले साल का है। इसे एडिट कर साल बदला गया है। कोड भी गलत है। यह पूरी तरह से फर्जी है। पेपर लीक नहीं हुआ है।

वहीं, वायरल हो रहे हिंदी के पेपर को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश कुमार व्यास ने कहा कि जो पेपर वायरल हुआ है उसे आज के पेपर से मैच किया गया है। दोनों ही पेपर बिल्कुल अलग हैं। इनके कोड भी अलग हैं। इसलिए पेपर लीक होने का सवाल ही नहीं उठता। इन सभी खबर के मुताबिक आज सुबह से जो पेपर वायरल हो रहा था। वह इस साल का नहीं है। यह अब अधिकार्तिक रूप से भी कहा जा चूका है।