इंदौर। कोविड से पहले नॉर्मल सर्दी खांसी में व्यक्ति स्पेशलिस्ट के पास कम जाते थे, वहीं वह कुछ दिनों में ठीक हो जाते थे, लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पीछले 2 महीनों की अगर बात की जाए तो सर्दी, खांसी, वायरल बुखार और अन्य जनरल समस्या के मरीज़ बढ़े हैं। वहीं पहले सामान्य रूप से 3 दिन में बुखार सर्दी खांसी चली जाती थी। अब इसमें लगभग 8 दिन तक समस्या बनी रह रही है। इस स्थिति में यह कह पाना कठिन है कि यह इंफ्लूएंजा है या कोई और वायरस है। डॉ अजय परिख ने यह बात अपने साक्षात्कार के दौरान कही।
इन्फेक्शन के लक्षण कोविड से थोड़े अलग, चेस्ट इनवॉल्वमेंट कम
उन्होंने बताया कि अभी जो वायरस है उसके लक्षण तो कॉविड के सामान लगते है, जिसमें दस्त लगना, गले में इन्फेक्शन, लंबे समय तक सर्दी खांसी, बुखार का रहना शामिल है। इसमें थोड़ी अलग बात यह हैं कि इसमें छाती से संबंधित समस्या कम हो रही है, जिस वजह से कॉविड के दौरान निमोनिया के केस बढ़े थे। उन्होंने अपनी एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर से की है। इसके बाद मुंबई के नायर हॉस्पिटल में उन्होंने 6 महीने तक रजिस्ट्रार कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया। इसके बाद इंदौर के सीएचएल, बॉम्बे, और अन्य हॉस्पिटल में जनरल प्रैक्टिस शुरू की, वर्तमान में वह शहर के शेल्बी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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वायरल इन्फेक्शन को अलग अलग नाम दिए जा रहे, कई शहर ओमिक्रॉन तो कोई इन्फ्लूएंजा बता रहा।
सामान्य रूप से इस वायरस की जांच के लिए इंदौर में कोई वायरोलॉजी लैब नहीं हैं, वहीं लोग कॉविड टेस्ट कराने से परहेज करते हैं। दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ओमिक्रोन, तो कुछ लग इंफ्लूएंजा बता रहे हैं। मेरी ओपीडी में आने वाले 40 प्रतिशत मरीज़ में वायरल इन्फेक्शन देखने को मिलता हैं। इस समस्या के लिए पेशेंट के लक्षण को ध्यान में रखते हुए जनरल ट्रीटमेंट किया जाता है। वहीं दूषित पानी और भोजन से टायफाइड, हेपिटाइटिस, दस्त, उल्टी जैसी समस्या सामने आती है। वहीं सामान्य रूप से एक दिन में व्यक्ति को लगभग 4 लीटर पानी पीना चाहिए, कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन, यूरीन समस्या, और पथरी के मरीज बढ़ जाते हैं। ऐसे में गर्मी के सीज़न में पानी की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए, ताकि इस तरह की समस्या ना हो।
रेस्पिरेटरी ट्रैक से जा रहा वायरल शरीर में, लोगों को मास्क लगाना चाहिए
बदलते मौसम में अभी यह वायरल बढ़ रहा है। गर्मी कम होने से इस प्रकार के वायरस को ग्रोथ मिलती है। इसी के साथ अभी जो वायरल इन्फेक्शन बढ़ रहा है वह रेस्पिरेटरी ट्रैक के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में लोगों को भीड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए, और चेहरे पर मास्क लगाना चाहिए। इससे काफी हद तक इन्फेक्शन होने के चांस कम हो जाते हैं।