मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गाँवों को कोरोना के संक्रमण से मुक्त करने अभियान चलाने की जरूरत बताते हुए कहा है कि विधायकों की अगुवाई में गठित विधानसभा स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी अपने क्षेत्र के गाँवों को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए पूरी सक्रियता से कार्य करें और ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन समितियों का भी मार्गदर्शन करे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गाँवों को कोरोना मुक्त करने की जिम्मेदारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को लेनी होगी तथा उन्हें किल कोरोना अभियान के तहत डोर-टू-डोर सर्वे में लगे शासकीय अमले को कोरोना संदिग्धों की पहचान करने में सहयोग करना होगा।
मुख्यमंत्री चौहान आज जबलपुर में जिले के ग्रामीण क्षेत्र में विधायकों के नेतृत्व में गठित विधानसभावार आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रभारी मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, सांसद राकेश सिंह, विधायक अजय विश्नोई, नंदिनी मरावी, सुशील तिवारी इंदू एवं संजय यादव भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप जबलपुर जिले के कई गाँव कोरोना से अछूते रहे हैं। उन्होंने इसके लिए गांवों के लोगों में आई जागरूकता को भी श्रेय दिया। मुख्यमंत्री चौहान ने उन गाँवों को भी कोरोना के संक्रमण से मुक्त करने की रणनीति बनाने की जरूरत बताई, जहां कोरोना के प्रकरण अभी भी सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में कोरोना की संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए फिजिकल डिस्टेसिंग और मास्क लगाने को अनिवार्य बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति इन नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के विरूद्ध जंग में शासन के द्वारा तय की गई रणनीति पर सख्ती से अमल करना होगा। उन्होंने कहा कि गाँवों में संक्रमण को रोकने विधानसभावार और ग्रामवार गठित आपदा प्रबंधन समितियां अपने स्तर पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय ले सकती हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने जिले के उन गाँवों की भी तारीफ की जहाँ स्थानीय निवासियों द्वारा स्वप्रेरणा से कोरोना कर्फ्यु लगाया गया और आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीन लगाने के कार्य में हुई प्रगति का ब्यौरा भी बैठक में लिया। उन्होंने कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में फैली भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लोगों को यह बताया जाये कि वैक्सीन ही कोरोना से सुरक्षा का एकमात्र उपचार है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन गांवों में कोरोना के मरीज अधिक मिल रहे हैं, वहां मनरेगा के कार्य एक सप्ताह के लिए स्थगित भी किये जा सकते हैं। उन्होंने गाँवों में मिलने वाले कोरोना संक्रमितों को समीप के कोविड केयर सेंटर तथा कोरोना संदिग्धों को गाँव में बनाये गये क्वारेंटाईन सेंटर पहुँचाने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री चौहान ने ग्रामीण क्षेत्र में विधानसभावार गठित आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कोरोना से लडऩे हेतु सभी से एकजुट होने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि इस संकट की स्थिति में सभी को मिलजुलकर लडऩा है। यदि हम गाँवों को कोरोना से मुक्त कर सके तो जबलपुर जिला भी जल्दी ही कोरोना से मुक्त होगा। उन्होंने पिछले कुछ दिनों में जबलपुर शहर और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के प्रकरणों में आई कमी पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही आगाह भी किया कि यदि हम लापरवाह या असावधान रहे तो कोरोना का यह संकट हमें फिर से परेशान कर सकता है।
बैठक में संभागायुक्त बी चंद्रशेखर, आईजी पुलिस बी.एस. चौहान, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, जिला पंचायत सीईओ रिजु बाफना, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित एवं राजेश बाथम, नगर निगम आयुक्त संदीप जीआर, डॉ. जीतेन्द्र जामदार, रानू तिवारी, शशिकांत सोनी भी मौजूद थे। वही जनपद पंचायत स्तर के अधिकारी व्हीसी के माध्यम से इस बैठक से जुड़े थे।