सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ गांववालों ने उठाई आवास, जमकर हुई नारेबाजी

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नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले में हुई हिंसा को लेकर अब गांव वालों में भी किसानों के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है। प्रदर्शनकारियों ने मांग है कि तुरंत हाइवे खाली किया जाए। किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन और स्थानीय नागरिक थे, जो तिरंगे के साथ आए थे।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लाल किले में तिरंगे का अपमान किया गया, जो हम लोग नहीं सहेंगे। हम अभी तक यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों की मदद कर रहे थे, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन जो घटना हुई उससे वो काफी नाराज हैं। वही जब गावंवालों की ओर से यहां पर प्रदर्शन किया गया, तो किसान प्रदर्शनकारियों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों की ओर से जय जवान-जय किसान के नारे लगाए गए। वही एक समय पर नारेबाजी करने वाले दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। हालांकि, कुछ वक्त बाद ही स्थानीय प्रदर्शनकारी लौट गए।

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही अलग-अलग प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है, ऐसे में जो लोग प्रदर्शन करने आए वो भी कुछ दूरी पर ही प्रदर्शन कर रहे थे। वही दिल्ली की शान लाल किले पर हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा झंडा फहराया गया था। साथ ही आरोप लगा था कि वहां पर तिरंगे का अपमान किया गया है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने लाल किले हिंसा को लेकर मामला भी दर्ज किया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट दी जा रही है।

वही अब गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही किसान आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठना शुरू हो गए है। दिल्ली पुलिस की ओर से भी अब हिंसा के मामले को लेकर कार्यवाही भी शुरू हो गई है। बीते दिन से अबतक दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं, जबकि 20 से अधिक किसान नेताओं को नोटिस थमाया गया है। दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड की शर्तें तोड़ने को लेकर किसान नेताओं से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।