वीआईपी दर्शन पर उपराष्ट्रपति का विरोध, बोले ‘वीआईपी दर्शन आस्था के मूल भाव के विपरीत’

Abhishek singh
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वीआईपी दर्शन की प्रथा को दैवीयता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। उन्होंने सभी भक्तों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की अपील की और कहा कि आस्था में भेदभाव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

धनखड़ ने वीआईपी संस्कृति को बताया सामाजिक अतिक्रमण

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, “जब किसी को विशेष प्राथमिकता दी जाती है और उसे वीवीआईपी या वीआईपी के रूप में मान्यता दी जाती है, तो यह समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। वीआईपी संस्कृति एक विकृति है, यह समाज में असमानता को बढ़ावा देती है। समानता की दृष्टि से इसका समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए, और धार्मिक स्थलों पर तो इसका बिल्कुल भी स्थान नहीं होना चाहिए।”

श्री मंजूनाथ मंदिर में नए ‘क्यू कॉम्प्लेक्स’ का उद्घाटन

कर्नाटक के अपने दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने धर्मस्थल स्थित श्री मंजूनाथ मंदिर में देश के सबसे बड़े ‘क्यू कॉम्प्लेक्स’ का उद्घाटन किया। इस नई सुविधा को ‘श्री सानिध्य’ के नाम से जाना जाएगा। यह सुविधा हेगड़े द्वारा डिज़ाइन की गई है और मौजूदा कतार प्रणाली का एक उन्नत विकल्प है। नया कॉम्प्लेक्स 2,75,177 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें तीन मंजिला संरचना शामिल है। इस परिसर में 16 हॉल हैं, जिनमें से हर एक में 600 से 800 श्रद्धालु बैठ सकते हैं। मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस परिसर की कुल क्षमता एक साथ 10,000 से 12,000 श्रद्धालुओं को समायोजित करने की है।

उपराष्ट्रपति ने भगवान मंजूनाथ स्वामी के दर्शन किए

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ कार्यक्रम से पहले मंदिर शहर के प्रमुख देवता भगवान मंजूनाथ स्वामी (शिव के एक रूप) के दर्शन किए। इसके अलावा, उन्होंने श्री क्षेत्र धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी वीरेंद्र हेगड़े के साथ भी मंदिर दर्शन किए। उपराष्ट्रपति ने ‘श्री सानिध्य’ नामक नए कतार परिसर का भी दौरा किया और भक्तों को बेहतर सुविधा देने के लिए मंदिर ट्रस्ट की प्रतिबद्धता की सराहना की।