Veer Savarkar first Look: रणदीप हुड्डा को पहचान पाना हो रहा मुश्किल, ट्रांसफॉर्मेशन देख फैंस हुए हैरान

Share on:

बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा पर्दे पर अपने किरदारों के माध्यम से अपने फैंस के दिलों को जीत चुके है। लेकिन इस बार वो जिस किरदार को निभाने जा रहे है उसके लिए कड़ी म्हणत कर रहे है. हालंकि इससे पहले भी अपने किरदार के लिए वह काफी मेहनत करते हैं। 2016 में आई ‘सरबजीत’ के दौरान उन्होंने 28 दिन में 18 किलो वजन घटाकर अपने ट्रांसफॉर्मेशन से सबको चौंका दिया था। वहीं, इन दिनों वह अपनी आगामी फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ की तैयार में जुटे हुए हैं। इस फिल्म के लिए भी रणदीप ने अपने वजन को काफी कम किया है और एकदम अलग अवतार में आ गए हैं। अभिनेता का ट्रांसफॉर्मेशन देख फैंस भी हैरान रह गए हैं।

रणदीप हुड्डा ने मई में अपनी फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ के बारें में अपने फैंस को बताया था। इस फिल्म में वह स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की भूमिका निभाने वाले हैं। ऐसे में वह बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन के दौर के गुजर रहे हैं। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में अभिनेता ने इस बात का खुलासा किया है कि वह अपने किरदार के लिए 18 किलो वजन कम कर चुके हैं।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Randeep Hooda (@randeephooda)

उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘मैं पहले ही फिल्म के लिए 18 किलो वजन कम कर चुका हूं। मैं अपने शरीर के साथ इन उतार-चढ़ावों को करने में सक्षम हूं क्योंकि मैं स्वाभाविक रूप से एक खिलाड़ी हूं। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर शेयर की जिसको देख उनके फैंस चौक गए।

Also Read: सुप्रीम कोर्ट: संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की जनहित याचिका खारिज, कहा एक लाइन सुना दो 

बता दें स्वतंत्र वीर सावरकर फिल्म का निर्माण प्रोड्यूसर संदीप सिंह और आनंद पंडित कर रहे हैं, जबकि इसका निर्देशन जाने माने डायरेक्टर महेश मांजरेकर कर रहे हैं। इसकी स्क्रिप्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है। रणदीप इस रोल में फिट बैठने के लिए कितनी मेहनत कर रहे हैं इसका एक झलक फिल्म के पहले लुक से ही मिल रही है। खबरों की मानें तो एक्टर ने इस रोल के लिए वजन घटाना शुरू कर दिया है।

कौन थे विनायक दामोदर सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भागूर गांव में हुआ था। वह हिंदू महासभा, एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन और एक राजनीतिक दल के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे। उन्हें हिंदुत्व की हिंदू राष्ट्रवादी राजनीतिक विचारधारा विकसित करने के लिए जाना जाता है। वीर सावरकर का निधन 26 फरवरी, 1966 को बॉम्बे में हो गया था।