अक्सर आपने देखा होगा घर में कई बार गलत वास्तु दोष की वजह से घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है, जो हमारे जीवन में निराशा लेकर आता है. इसके अलावा गलत वास्तु के कारण घर में रखी वस्तुओं का प्रभाव भी घर के सदस्यों पर पड़ता हुआ दिखाई देता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में हर चीज वास्तु के मुताबिक रखी जानी चाहिए जिसकी कोई निश्चित दिशा या नियम हो.
अगर आप वास्तु शास्त्र का पालन बिना किसी नियमों के करते है तो यह आपके लिए हानिकारण साबित हो सकता है. साथ ही घर में नकारात्मक ऊर्जा के कारण वास्तु दोष भी बढ़ जाता है. ऐसे में अगर आप भी है वास्तु दोष से परेशान, तो आइए जानते हैं कि किस वास्तु दोष के कारण घर का सुख-चैन सब चला जाता है और हम परेशानियों के बीच घिर जाते है. ऐसे पाएं इनसे छुटकारा..
घर में अंधेरे से बचे
आपको बता दे कि वास्तु दोष लगने का सबसे पहला कारण घर, ऑफिस या फिर दुकान में अंधेरा होना, ऐसे में आपको इन जगहों पर वास्तु दोष लगता है. इससे छुटकारा पाने के लिए आप इन स्थान को कभी भी ज्यादा देर तक अंधेरे में नहीं रखे. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन जगहों पर होने वाले अंधकार की वजह से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.
परफ्यूम-इत्र लगाने से बचे
अगर आप घर से निकलते समय किसी भी तरह के परफ्यूम-इत्र का इस्तेमाल करते है तो वास्तु के अनुसार इसे लगाने से बचे. क्योंकि वास्तु के मुताबिक रात में कभी भी सुगंधित चीजें जैसे परफ्यूम, इत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसकी तेज सुंगध से नकारात्मक शक्तियां आपकी तरफ आकर्षित हो सकती हैं और आपको परेशानी में डाल सकती है.
साफ़-सफाई का रखें विशेष ध्यान
घर में अगर दरिदरता को आप दूर भगाना चाहते है तो सबसे पहले आपको घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा, जिससे सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में आएगी और आपको एक खुशहाली जीवन की राह दिखेगी. इसलिए रोजाना घर की साफ़ सफाई जरूर करे. घर के साथ साथ खुद को भी स्वच्छ रखे जिससे आपके भीतर भी सकारात्मक ऊर्जा आ सके और वास्तु दोष का प्रभाव भी काम हो सके.
घर में रोजाना करे पूजा-पाठ
घर में पूजा-पाठ रोजाना नहीं होने से भी बाहरी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जिससे वास्तु दोष बढ़ता है. इसलिए घर में बिना पूजा-पाठ किये एक भी दिन नहीं रहना चाहिए. क्योंकि जिस घर में पूजा नहीं होती वहां बुरी शक्तियों का वास जल्दी होता है. इसलिए रोजाना घर में दीप प्रज्वलित करें और मंत्रों का जाप करें.