कोरोना काल की वजह से अग्रणी तकनीक शिक्षण संस्थान गहरे वित्तीय संकट से गुजर रहा है. यहां के शिक्षक और कर्मचारियों को करीब पांच महीने से वेतन नहीं मिल पाया है. कई सालों से संसथान को शासन से ना ही समय पर, ना ही समुचित ग्रांट मिल रही है. वहीं संस्था में सिर्फ 25 शिक्षक ही काम कर रहे हैं.
खाली पदों के विरुद्ध लगातार प्रयास के पश्चात भी संस्था में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की मंजूरी प्राप्त नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए यहां के प्राचार्य एवं विभागाध्यक्षो ने सर्वसम्मति से एक अनूठी पहल की है. विद्यार्थियों द्वारा बताया गया है कि उनके शिक्षण हेतु बाहर से एक्सपर्ट टीचर्स को आमंत्रित किया जा रहा है, जो बचे हुए सत्र में विद्यार्थियों के सैद्धान्तिक विषयों के साथ साथ प्रायोगिक शिक्षा को भी पूर्ण करवाएंगे. प्राचार्य डॉ राजेश सोढानी द्वारा बताया कि “वर्तमान में शासन से इस हेतु कोई भी अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। साथ ही अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति का प्रकरण भी कोविड-19 महामारी के चलते शासन में प्रक्रियाधीन है.”
उन्होंने बताया कि “इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. लेकिन अगर इन अतिथि व्याख्याताओं के मानदेय हेतु शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं होती है तो इन पर होने वाला व्यय प्राचार्य, विभागाध्यक्षो, शिक्षक-कर्मचारियों द्वारा सहर्ष स्वेक्षिक रूप से वहन कर लिया जाएगा. संस्था के शिक्षक एवं कर्मचारी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु वचनबद्ध है और किसी भी कारण से होने वाले विलंब एवं वित्तीय कमी से विद्यार्थियों का नुकसान नहीं होने देंगे.”