कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र सहारा है : ज्योतिरादित्य सिंधिया

Mohit
Published on:

ग्वालियर एवं चंबल संभाग के कोरोना क्राइसिस मैनेमेंट बैठक में शामिल होकर राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे, उक्त बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सहित प्रदेष शासन के उर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित थे।

सिंधिया ने कहा कि ये समय हमारे लिए चुनौतीपूर्ण ज़रूर है जिसका सामना यदि हम सब मिलकर करेंगे तो कोई कारण नही है कि हम इस पर विजय न प्राप्त कर सकें, हमारे डॉक्टर्स एवं चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले सभी योद्धा पूरी ताकत से इसको समाप्त करने में लगे हैं, केंद्र एवं राज्य सरकार भी संजीदगी एवं गंभीरता के साथ कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमे आम जनता एवं समाज के सभी वर्गों का सहयोग ज़रूरी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बयान में  कहा कि  कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र सहारा है,

शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी जल्द शुरू होगा वैक्सीनेशन।

दिसंबर तक 200 करोड़ वैक्सीन होंगी देश में उपलब्ध,सभी लोगों के लिए पर्याप्त होंगी वैक्सीन, केंद्र की मोदी सरकार एवं मध्य प्रदेश की सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है। सांसद सिंधिया ने कहा सभी जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर खोले गए हैं, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों की भर्ती के लिए भी राज्य सरकार से अनुरोध किया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डॉक्टर एवं पैरा मेडिकल स्टाफ पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो सकें। क्योकि अब नगरीय इलाक़ों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना अपने पैर पसार रहा है।

इसके साथ ही सिंधिया ने कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के ईलाज  के  लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाने का भी सुझाव दिया ताकि इनका इलाज भी प्रथमिकता से हो सके।

सिंधिया ने कहा कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हम लोगों की प्रतिदिन चर्चा होती है, हम सभी लोग एक टीम के रूप में काम करके पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन एवं रेमडीसीवीर इंजेक्शन उपलब्ध कराने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।

ये थोड़ी सी राहत की बात है कि पिछले दो-तीन दिन से कोरोना पॉजिटिव की संख्या कम हुई है, लेकिन खतरा अभी समाप्त नही हुआ है, जब तक ये बीमारी समूल नष्ट न हो जाये,हमे अपनी सावधानी नही छोड़नी चाहिए, यदि हमने थोड़ी भी लापरवाही की तो इसके परिणाम और अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए हमें इसी प्रकार की सावधानी को लगातार बरकार रखना है,