उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा: भेजी गई NDRF टीम, Mi-17 हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू जारी

Share on:

उत्तराखंड में हिमालयी ग्लेशियर के फटने से कई ज़िलों को हाई अलर्ट किया गया है. इसकी वजह से धौलीगंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. चमोली पुलिस का कहना है कि इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को नुक़सान पहुँचा है. अलकनंदा नदी के आसपास रहने वालों को घर ख़ाली करने के लिए कहा गया है. वहीं गृह मंत्रालय ने आपदा के बाद फंसे लोगों को मदद पहुंचाने और रेस्क्यू करने के लिए पूरे संसाधन और ताकत झोंक दी है.

अमित शाह का कहना है कि उन्होंने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के बारे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से खुद बात की है और तमाम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.उन्होंने ITBP के डीजी और NDRF के डीजी से भी बात की है. उन्होंने बताया है कि सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं.

NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं. उन्होंने बताया है कि देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी. NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं. हम वहा की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं. अमित शाह ने कि वहां पर NDRF की तीन टीम और SDRF की टीम पहुंच गई है. MoS नित्यानंद खुद गृह मंत्रालय में हालात का जायजा ले रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वायुसेना और आर्मी के हेलिकॉप्टरों और जवानों को लगाया गया है. इसके अलावा ऋषिकेश में राइवाला के नजदीक मिलिट्री स्टेशन के जवान स्थानीय प्रशासन के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. आर्मी मुख्यालय से स्थिति पर नजर रखी जा रही है. साथ ही इंडियन आर्मी के अनुसार 600 जवानों को बाढ़ प्रभावित इलाके में भेजा रहा है. बताया जा रहा है कि तीन एमआई-17 हेलिकॉप्टर और एक धुव्र हेलिकॉप्टर जो कि देहरादून में मौजूद थे उन्हें बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. जरूरत पड़ने पर और विमानों को भेजा जाएगा.