Uttarakhand: नहीं रहे चिपको आंदोलन के प्रतीक पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा, एम्‍स में थे भर्ती

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उत्तराखंड से एक वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि चिपको आंदोलन के प्रणेता और प्रख्‍यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का निधन हो गया है। वह काफी समय से एम्स में भर्ती थे। उन्होंने ऋषिकेश स्थित एम्‍स में अंतिम सांस ली है। दरअसल, कोरोना समेत अन्‍य बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उन्‍हें 8 मई को एम्‍स में भर्ती कराया गया था। लेकिन आज उनका निधन हो गया है। उनके निधन पर मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उनके निधन पर शोक जताया है।

उन्होंने कहा है कि पहाड़ों में जल, जंगल और जमीन के मसलों को अपनी प्राथमिकता में रखने वाले और रियासतों में जनता को उनका हक दिलाने वाले श्री बहुगुणा जी के प्रयास को सदैव याद राखा जाएगा। उन्होंने ट्वीट शेयर कर लिखा है कि चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला है।

यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित है। यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पर्यावरण संरक्षण के मैदान में श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।