आज देश की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की रिपोर्ट है। राज्य के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची हुई है। यह ग्लेशियर जिले के रेणी गांव के पास टूटा है। प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है। इसमें कई ग्रामीणों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ग्लेशियर धोली नदी के किनारे किनारे बह रहा है।
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि, ‘चमोली जिले से एक आपदा की सूचना मिली है। जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों को स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिया गया है। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है।”
एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
बता दे कि, ये ग्लेशियर चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर वाली गली से टूट गया है जिसकी वजह से यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान हो गया है। साथ ही धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी भारी नुकसान की सूचना मिल रही है। प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। हालांकि अभी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि इस तबाही में कितना नुकसान हुआ है।
वही यह घटना काफी बड़ी है और ऐसी आशंका जताई जा रही है की इस घटना से काफी बड़ी संख्या में जाल माल का नुकसान हुआ है। आपको बता दे कि ये घटना सुबह आठ से नौ बजे के बीच की है। इस घटना को लेकर प्रशासन अलर्ट हो चुका है। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचना शुरू हो गई हैं। ये ग्लेशियर चमेली होते हुये ऋषिकेश तक पहुंचेगा। जोशीमठ, श्रीनगर तक हाई एलर्ट किया गया है।
चमोली के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है। साथ ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके के लिए निकल चुके हैं। पुलिस ने कहा कि आम जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है। इससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है, जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया,’ अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं- मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर दहशत ना फैलाएं। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं। आप सभी धैर्य बनाए रखें।’
अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
गृह मंत्रालय पूरी स्थिति को मॉनिटर कर रहा है। आईटीबीपी गृह मंत्रालय के संपर्क में है। आइटीबीपी के रीजनल रिस्पांस सेंटर, गोचर से एक बड़ी टीम की रवाना हो गई है। आइटीबीपी की पर्वतारोही टीम साथ ही तुरंत ब्रिज बनाने में माहिर जवानों को रवाना किया गया है। 200 जवानों को पहले ही जोशीमठ से रवाना किया जा चुका है।