Utpanna Ekadashi: इस दिन रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी का व्रत, इस खास विधि से करें पूजा, मिलेगा व्रत का दुगुना फल

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Utpanna Ekadashi 2023 Date: हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं। जहां मार्गशीर्ष मास अर्थात श्रीकृष्ण का अतिप्रिय माह बताया गया है वहीं यह विधिवत 26 दिसंबर 2023 तक जारी रहने वाला है। इस मास को श्रीहरि नारायण को पूरी तरह अर्पित होता है जिसमें कई उपवास और फेस्टिवल्स आते हैं। वहीं उत्पन्ना ग्यारस इनमें से एक है। जिसका हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप उत्पन्ना एकादशी का अत्यंत खास अर्थ बताया गया है। क्योंकि इसी ग्यारस तिथि से ही हिंदुओं के सबसे बड़े उपवास एकादशी तिथि का प्रारंभ हुआ हैं।

इधर उत्पन्ना एकादशी का उपवास को रखने वाले जातक मोह माया, और मनुष्यों को अनेकों प्रकार के सुखों को उठाकर तृप्ति को प्राप्त करता है। जो लोग ग्यारस की शुरुआत हुई थी। वहीं जो व्रती इस व्रत को प्रारंभ करना चाहते हैं उनके लिए उत्पन्ना एकादशी से उपवास करना प्रारंभ कर सकता हैं। वहीं चलिए बात करते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही डेट, मुहूर्त और विशेष महत्व के विषय में विस्तार के साथ।

जैसा कि सभी जानते हैं मार्गशीर्ष का मास भगवान श्रीकृष्ण का अत्यंत प्रिय महीना माना गया हैं। जिसका आरंभ 26 दिसंबर 2023 तक रहेगा। इस बीच भगवान श्री कृष्ण की पूजा का एक बेहद अलग महत्व बताया गया है। ऐसे में मार्गशीर्ष का मास है, तो एकादशी व्रत का महत्व एकदम अलग और भी अधिक बढ़ जाता है। इस पावन दिन पर मनुष्य पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ उपवास रखते हैं और भगवान नारायण और श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। एकादशी तिथि महीने में दो बार आती है।

कृष्ण पक्ष – उत्पन्ना एकादशी तिथि और शुभ और सही मुहूर्त।

  • एकादशी तिथि का आगाज – 8 दिसंबर 2023 – 05:06
  • एकादशी तिथि का अंत – 9 दिसंबर 2023 – 06:31
  • व्रत खोलने का शुभ वक्त – 10 दिसंबर 2023 – प्रभात 06:10 बजे से प्रभात 07:13 बजे तक

आखिर क्यों रखा जाता है उत्पन्ना एकादशी का व्रत? (Utpanna Ekadashi Significance)

आपको बता दें कि उत्पन्ना ग्यारस तिथि के दिन ही देवी एकादशी का अवतरण हुआ था। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के तेज से उत्पन्न हुई देवी ग्यारस ने मुर नामक राक्षस का खात्मा किया था। इस उपवास को करने से आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।