उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने कहा दुनिया को अलविदा, बहु ने दी निधन की खबर

Rishabh
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आज भारतीय शास्त्रीय संगीत के उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 89 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बता दे कि उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने अपने जीवन काल में बॉलीवुड के कई संगीतकारों को संगीत की शिक्षा दी है और इनके शिष्यों में सोनू निगम के अलावा हरिहरन, शान, आशा भोंसले, गीता दत्त, मन्ना डे, एआर रहमान और लता मंगेशकर का नाम भी शामिल है। खान साहब के निधन की खबर उनकी बहु नम्रता ने सोशल मिडिया के जरिये सभी को दी है जिसमे उन्होंने लिखा है बहुत ही भारी दिल के साथ बताना पड़ रहा है कि कुछ ही मिनट पहले मेरे ससुर, हमारे परिवार के स्तंभ और देश के लीजेंड, पद्मा विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन।अल्लाह उन्हें जन्नत उल फिरदौस में ऊंचा मुकाम अता करे।

खान साहब के निधन की खबर मिलने के बाद लता मंगेशकर और एआर रहमान ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बता दे कि खान साहब को भारत सरकार ने 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण जैसे अवार्डो से नवाजा था।आज खान साहब ने अपनी आखिरी सांस मुंबई में ली और इस दुनिया को अलविदा कह दिया। खान साहब का जन्म 3 मार्च, 1931 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था और वे रामपुर सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे।

 

क्या था कब्रिस्तान में रियाज का राज
बता दे कि अपनी बहू नम्रता गुप्ता खान के साथ मिलकर लिखे गए अपने संस्मरण ‘ए ड्रीम आई लिव्ड एलोन’ की लॉन्चिंग के समय खान साहब ने अपने कब्रिस्तान में किए रियाज का राज भी बताया था। जिसमे उन्होंने बताया था कि बकौल खान साहब- “मेरी उम्र करीब 12 बरस रही होगी। डर और झिझक से बचने के लिए कब्रिस्तान में जाता था। मेरे उस्ताद रोज दोपहर के खाने के बाद सोते थे और मुझसे घर जाकर रियाज करने कहते थे, लेकिन घर में बहुत शोर-गुल होता था, इसलिए कब्रिस्तान बिलकुल सुनसान और सही जगह थी रियाज के लिए। मुझे किसी का डर नहीं था। मैं वहां खुलकर गा सकता था।

हाल ही में सोनू निगम ने उनकी तरह गाते हुए एक वीडियो भी शेयर किया था और खान साहब ने अजान विवाद पर भी सोनू का साथ दिया था। करीब चार पहल अजान और लाऊड स्पीकर को लेकर हुए विवाद में सोनू निगम को घेर लिया गया था। इसके बाद उस्ताद गुलाम मुस्‍तफा खान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कहा था -‘वो सबका सम्‍मान करता है। मीडिया लगातार मुझसे संपर्क करके सोनू के बारे में मेरी राय जानना चाह रहा है। वह मेरा स्‍टूडेंट है और मेरे बेटे की तरह है। मैं उसे जानता हूं, वह किसी को चोट नहीं पहुंचाएगा। वह सबका सम्‍मान करता है।और अपनी पोस्ट में आगे लिखा था की -उसकी बातों का गलत मतलब न निकाला आए और धर्म को बीच में न लाया जाए। वह मंदिर और गुरुद्वारे जैसी धार्मिक जगहों पर लाउडस्‍पीकर के इस्‍तेमाल पर भी सवाल उठाता है जो कि शब्‍दों की सीमा के चलते एक ही पोस्‍ट में बयान नहीं किया जा सकता, जैसे मैं कई बार पोस्‍ट कर रहा हूं और यदि सबको लगता है कि उसने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है तो उन्‍हें सफाई के बाद माफ कर देना चाहिए। शांति बनाए रखें और सबसे ऊपर इंसानियत रहने दें।