नई दिल्ली: दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका जूझ रहा है। इस महामारी के दुनिया के फैलने के बाद से ही अमेरिका और विश्व स्वाथ्य संगठन के बीच कडवाहट आना शुरू हो गई है। दोनों के बीच अब ये कडवाहट इतनी बढ़ गई है कि अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से रिश्ते तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
WHO से अलग होने के लिए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को दस्तावेज सौंप दिए हैं। इसके नियमों के मुताबिक एक साल पहले सूचना देनी जरूरी है। इस तरह से अमेरिका 6 जुलाई 2021 से पहले WHO से अलग नहीं हो सकता है। इसका ये भी मतलब है कि इस एक साल के दरम्यान इस फैसले को बदला भी जा सकता है।
सीनेटर बॉब मेनेन्देज ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने की सूचना यूएस कांग्रेस को दे दी है। गौरतलब है कि मई में जब कोरोना का प्रकोप चरम पर था तब राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की थी कि उनका देश विश्व स्वास्थ्य संगठन से रिश्ते खत्म करने जा रहा है।
इससे पहले ट्रंप ने अप्रैल में WHO की फंडिग पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने WHO को पत्र लिखकर इसमें संगठनात्मक सुधार की मांग की थी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जड़ को लेकर अमेरिका और WHO के बीच तीखा विवाद रहा है। अमेरिका कोरोना वायरस संक्रमण के लिए चीन को जिम्मेदार मानता है, जबकि WHO का कहना है कि इस मामले में चीन ने जिम्मेदारीपूर्वक अपना रोल निभाया है।