नई दिल्ली: दुनिया को कोरोना में उलझाकर चीन अपनी विस्तारवादी नीति को बढ़ाने में लगा है। एशिया में चीन की दादागिरी लगातार बढ़ती जा रही है। चीन की हरकतों पर अमेरिका लगातार नजर बनाए हुए है और इसकी काट तैयार करने के लिए एक अहम रणनीतिक और सैन्य फैसले के तहत यूरोप में अपनी सेनाएं घटाकर एशिया में तैनात करने जा रहा है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सामने चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए ही अमेरिका यूरोप में अपने सैनिकों की तैनाती को घटाकर इन्हें उचित जगहों पर तैनात करने जा रहा है।
जब पोम्पियो से पूछा गया कि अमेरिका जर्मनी से अपनी सेनाएं क्यों हटा रहा है, तो पोम्पियो ने कहा कि जर्मनी में अमेरिका की सेनाएं नहीं हैं क्योंकि उन्हें दूसरे जगहों पर भेजा जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ पोम्पियो ने कहा कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के कदम ये दर्शाते हैं कि भारत के सामने चुनौती, वियतनाम के सामने खतरा है, मलेशिया, इंडोनेशिया और दक्षिण चीन सागर में चीन की चुनौती है।
पोम्पियो ने आगे कहा, ” हम इस बात को सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिकी सेना की तैनाती उचित रूप से रहे। पोम्पियो ने कहा था, “पीएलए ने भारत के साथ सीमा विवाद बढ़ा दिया है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वह दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है, वहां अवैध तरीके से क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है और अहम समुद्री मार्गों को खतरा पहुंचा रहा है।