43 केस…22 में दोषमुक्त, पुलिस के एनकाउंटर में मौत का दावा, सांसद धनंजय सिंह का आपराध से रहा है पुराना नाता

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उत्तरप्रदेश के जौनपुर से जेडयू सांसद धनंजय सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 वर्ष की सजा सुनाई है. यह सजा साल 2020 में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी मामले में सुनाई गई है.कोर्ट ने सांसद को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. इससे पहले जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयार में लगे हुए थे.

खबर के मुताबिक 10 मई 2020 को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर ने जौनपुर के लाइन बाजार थाने में धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. उन्होनें आरोप लगाते हुए कहा था कि विक्रम अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था. वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए उनको कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया.

वहीं उनके द्वारा इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी थी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धनंजय सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

आपको बता दें धनंजय सिंह यूपी के बाहुबली नेताओं में जाने जाते है. उनके उपर ये पहला मामला नही है. कई अपहरण लूट मर्डर के मामले दर्ज है. उन्होनें अपने कैरियर की शुरूआत महज 27 वर्ष की उम्र में की थी और निर्दलीय सांसद चुन के आये थे . हालांकि बाद में जदयू का दामन थामा.