कुछ वर्ष पहले तक हम जानते ही नहीं थे कि क्या होता है सिकल सेल एनीमिया, रक्त जांच करवाकर आने वाली पीढ़ी को बचा सकते हैं, सिकल सेल एनीमिया से सांसद शंकर लालवानी

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इंदौर: कुछ वर्ष पहले तक हम जानते ही नहीं थे कि सिकल सेल एनीमिया होता क्या है। प्रधानमंत्री ने इस विषय को छूते हुए इसके जनजागरण के लिए लोगों से आह्वान किया। मप्र के राज्यपाल भी सिकल सेल एनीमिया को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। सिकल सेल एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से मरीजों के साथ-साथ उनके परिजन भी काफी परेशान रहते हैं। यह एक अनुवांशिक बीमारी है जिसका किसी भी चिकित्सा पद्धाति में अच्छे रिजल्ट नहीं है। लेकिन डॉ. एके द्विवेदी बताते हैं कि होम्योपैथिक चिकित्सा द्वारा सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों की समस्या को कम किया जा सकता है। हमारा देश युवाओं का देश है इसलिए अब वक्त आ गया है कि युवा सिकल सेल एनीमिया के प्रति जागरूक हो और इसके जनजागरण के लिए काम करें। शादी के लिए पत्रिका मिलाने के साथ-साथ होने वाले जीवनसाथी की ब्लड रिपोर्ट भी देखें जिससे सिकल सेल एनीमिया के वाहक को रोका जा सकें।

यह बात विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर रविवार को सिकल सेल की बीमारी में होम्योपैथिक चिकित्सा का महत्व विषय पर हुई कार्यशाला में सांसद शंकर लालवानी ने कही। वे एडवांस आयुष वेलनेस सेंटर तथा एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी चिकित्सालय ग्रेटर ब्रजेश्वरी पिपलियाहाना इंदौर पर आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन तथा एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान दो दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान सासंद लालवानी ने डॉ. एके द्विवेदी द्वारा बनाई गई सिकल सेल एनीमिया बीमारी का जानकारी वाली वेबसाइट www.sicklecell. co. in लांच की।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ. वैभव चतुर्वेदी (मानसिक रोग विशेषज्ञ कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल इंदौर) ने कहा कि किसी भी बीमारी में मरीज के साथ साथ ही उनके परिजन काफी परेशान रहते हैं। क्योंकि बीमारी के पता चले से ही उसके इलाज के दौरान का आर्थिक खर्च तथा मानसिक त्रास जो कि बार बार रक्त चढ़ाने के लिए भर्ती करने से होता है जिससे परिजन भी कई बार डिप्रेसन का शिकार हो जाते हैं।

अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद भारत सरकार के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी कि सिकल सेल एनीमिया रोग के लक्षण बताए जिसमें कमजोरी, थकान, दम भरना, पेट व शरीर के अन्य भागों में होने वाले दर्द तथा सामन्य व्यक्ति जैसे दैनिक कार्य नहीं कर पाना प्रमुखता से शामिल है। आपने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा के द्वारा हम सिकल सेल बीमारी से पीड़ित इन मरीजों की उक्त परेशानियों को दूर कर सकते हैं। साथ ही लंबे समय तक होम्योपैथी चिकित्सा लेने वाले सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता भी महसूस नहीं होती है। वे दैनिक कार्य भी आसानी से कर सकते हैं। कार्यशाला में बड़ी संख्या में युवा और चिकित्सा क्षेत्र के विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सभी की निःशुल्क रक्त जांच करवाई गई। सभी ने मिलकर अनार व आंवले के पौधे का रोपण भी किया। इस अवसर पर राकेश यादव, दीपक उपाध्याय, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पूरी, विनय पांडेय, रीना सिंह आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन दीपक उपाध्याय ने किया। आभार डॉ. विवेक शर्मा ने माना। अतिथि स्वागत डॉ. जितेंद्र पूरी एवं विनय पांडेय द्वारा किया गया। सोमवार को ग्राम बड़गोंदा महू तहसील में सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों की जांच के बाद होम्योपैथिक दवा का वितरण किया जाएगा। साथ ही सिकल सेल पीड़ित मरीज के खान-पान, योग आसन तथा दिनचर्या के बारे में जानकारी दी जाएगी।