किश्चयन हॉस्पिटल सी एन आई सेवा के बेमिसाल 130 वर्ष

Ayushi
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मिशन की नींव जुलाई 1893 में रखी गई थी तब इन्दौर शहर एवं आस पास के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव था और यही एक मात्र चिकित्सालय ही था। यह चिकित्सालय महिला एंव बच्चों के लिए प्रसिद्ध या अवचा धीरे धीरे अन्य सेवाओं को भी जोड़ा गया जैसे जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला विभाग, दंत रोग का ईलाज आदि।

पूर्व में बहुत ही सुदढ़ एंव वरिष्ठ सर्जनों में सेवाएँ प्रदान करी इन्दोर में ऐसे बहुत से लोग होगे जिनका जन्म मिशन अस्पताल इन्दौर में हुआ है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान जिस तरह से गरीब, मध्यमवर्गीय और किसान परिवारों के साथ जो कुछ भी हुआ वो अक्षम्य है। कई परिवारों ने अपने पर-बार बेचकर इलाज करवाया यहीं नहीं कई किसानों में अपने खेत और बहनों ने अपने जेवर भी है। आत्मा को अंदर तक ठेस पहुंचाने वाले इस दृश्य को

देखकर चर्च ऑफ नार्थ इडिया सीएम आई. भोपाल धर्मप्रान्त के विशप मनोज चारण ने संकल्प के साथ इस अस्पताल को भविष्य में होने वाली बिमारियों से लड़ने में सक्षम बनाने का सपना देखा और कई समाज सेवकों एंव दान दाताओं की आर्थिक मदद से पूरा करने जा रहे है। भोपाल धर्मप्रान्त के विमोचन इस साल में 130 वर्ष पुराने सेवाभाव के साथ ही सेवा देने का संकल्प का है इसीलिए श्री सुरेश टन को इस अस्पताल का प्रशासक नियुक्त किया गया है एंकेतों से अस्पताल का कार्य किया जा रहा है।

महामारी19 जैसी बिमारियों से न केवल लड़ने के लिए बल्कि गरीब मध्यमवर्गीय और किसान परिवारों को न्यूनतम कीमतों में उच्चस्तरीय किसी सेवाएं देने के लिए इस अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। पुराना वैभव लौटने के साथ ही हर नागरिक को न्युनतम कीमतों में उच्चस्तरिय चिकित्सकीय सेवाएं देने के लिए यह अस्पताल कटिबद्ध है। विशय मनोज चारण के मुताबिक न्यूनतम कीमतों का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहाँ प्रायवेवाईक 2000/- और जनरल वार्ड मय ऑक्सीजन का शुल्क 1000/- रुपये प्रतिदिन से भी कम रहेगा

दानवीरों के दान के द्वारा चिकित्सालय को पुर्नजीवन दिया गया –

24 ऑक्सीजन महामारी कोविंक से निपटने के लिए
आईसीयु बेड वेटिलेटर सुविधा के साथ गंभीर मरिजों के लिए
14 प्रायवेट हर बिमारी के मरिजों के लिए
ॐ बाह्य रोगी विभाग
पैथालॉजी ले 24 घंटे कार्यरत है
अल्ट्रासोनोग्रॉफी, एक्सरे

दर्तमान में चर्च ऑफ नार्थ इंडिया व अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 130 वर्ष पुराने अस्पताल को पुर्नजीवन देने का कार्य चल रहा है। पुराने हो चुके जनरल वार्ड को अत्याधुनिक रूप में संवारने के साथ ही आईसीयु में भी अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना का कार्य काफी तीव्र गति से जारी है। यहाँ प्रायवेट रूम को भी आधुनिक सुविधाओं से संवारा जा रही है । अस्पताल में फिलहाल आईसीयु में संधारण का कार्य जारी है जो शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।

दिनाँफ़ 4 अगस्त 2021 को हमारे पर्थ ऑफ नार्थ इंडिया के धर्माधिकारी राइट रेह (डा.) पी.सी. सिंह एच भोपात धर्माप्रान्त के धर्माध्यक्ष राईट रे मनोज वारण एवं जोशुआ सनम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिनोडिकल बोर्ड ऑफ हेल्थ सर्विसेस के कर कमलों से पुन निर्माण दिलडिंग को विशेष सर्मपण प्रार्थना के द्वारा मानव सेवा के लिए समर्पित किया जाएगा

भविष्य की योजनाएं –

रोगी विभाग का पुन निर्माण
ऑपरेशन थियेटर एवं लेबर रूम का पुनर्माण
सो टी स्केन की स्थापना