MP के रायसेन जिले की 300 साल पुरानी अनोखी परम्परा, यहां तोप के धमाके से रोजेदार खोलते है रोजा

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मध्यप्रदेश अजब है सबसे गजब है, ये कहावत तो आप सभी ने सुनी होगी। क्योंकि देश के प्रदेश में आये दिन कुछ ऐसे मामले सामने आते है जो सबको हैरान कर देते है। फिर चाहे वो रीति-रिवाज़ और परम्परा को निभाना ही क्यों न हो..! एक ऐसी ही एमपी के रायसेन जिले से परम्परा सामने आई है जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

जी हां, रायसेन जिले में 300 साल से इस परम्परा को निभाया जा रहा है जिसमें रमजान के पाक महीने की शुरुआत तोप के गोलों से होती हैं। सुंदर दुर्ग पहाड़ी पर बसे रायसेन के किले पर रखी तोप की गूंज रमजान में इफ्तार और सहरी की शुरुआत का इशारा करती है, जिसकी गूंज 15 से 20 किलोमीटर तक सुनाई देती है, जिसे सुनकर मुस्लिम समाज के लोग इफ्तार करते हैं।

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वहीं इस तोप को एक महीने चलाने में 50 हजार से अधिक का खर्चा आता है, जिसमें 5 हजार नगरनिगम तथा बाकी चंदा से इकट्ठा किया जाता है। राजधानी भोपाल से 45 किलोमीटर दूर इस तोप को चलाया जाता है। पहले बड़ी तोप का इस्तेमाल होता था, लेकिन किले को नुकसान न पहुंचे, इसलिए अब इसे दूसरी जगह से चलाया जाता है। गौरतलब है कि इस तोप को चलाने के लिए लाइसेंस भी जारी किया जाता है।