शहर में अनूठी पहल ‘यातायात चाक-चौबंद रखने वाले सिपाहियों का किया गया सम्मान

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इंदौर। प्रीमतलाल दुआ सभागार में कर्मवीर सिद्धार्थ सोनी स्मृति मंच द्वारा यातायात जागरुकता के चलते पुलिस महकमें के पुलिस व पदाधिकारियों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। यह समारोह एक पिता ने एक वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में अपना बेटा खोया था, उसकी याद में यह यातायात जागरूक व पुलिस सम्मान समारोह रखा गया था। दर्द को दिल में रखते हुए इस तरह से समारोह करना हिम्मत व साहस भरा कार्य है।

 

सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री जनक मिगिलिगन, अति. पुलिस उपायुक्त जयवीर सिंह भदोरा, अति. पुलिस उपायुक्त अनिल पाटीदार समाजसेवी सुभाष खण्डेलवाल ने दीप प्रज्जवलन किया। आस्था ने संगीतमय नमोकार मंत्र उच्चार किया। इतनी शक्ति देना हमें दाता गीत के साथ समारोह का आगाज किया गया।

संजय देसाई ने समारोह की रूपरेखा की विधिवत जानकारी प्रस्तुत की। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें अपनी आदतें बदलना होगी। पीलीबत्ती में ही अपने आगे बढ़ जाते है। बड़ा ही भावुक क्षण है यह सोनी परिवार ने सड़क दुर्घटना में अपना लाड़ला खोया है। आज उसकी याद में यातायात जागरुकता आयोजन करना बड़ा ही हिम्मत व होंसलें का कार्य है। इसी तरह की पहल से यातायात में बदलाव आयेगा यातायात बहुत बड़ी समस्या है। अकस्मात में सबसे ज्यादा युवाओं की मोतें होती है। हम जल्दी 400 जवानों के पद भरने वाले है। यातायत शहर का स्नायुतंत्र होता है। तनाव व धीरज की कमी की वजह से ऐसी दुर्घटना होती है। सतीश सोनी परिवार की यह पहल वाकई प्रशंसनीय है।

 

समाजसेवी सुभाष खण्डेलवाल ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी का गुलशन न उजड़े, न कोई घर विरान हो। एक दुर्घटना का इस तरह से सकारात्मक रूप निकलकर आता है वह बड़ी बात है। अति. पुलिस जयवीरसिंह भदौरिया ने कहा कि ट्राफिक तो हम सुधार रहे है, लेकिन दिमाग में से तनाव कैसे हटाएं। उसके लिए तो व्यक्ति को खुद ही प्रयास करना होगे।

समाजसेवी जनक मिगिलिगन ने अपने बात रखते हुए कहा कि मोबाइल की वजह से हमारी संवेदनाएं सुख रही है। सोशियल मीडिया का एन्टी सोशियल मीडिया मत बनाओ आदमी बाइक पर मोबाइल चल रहा है, बंध है, कान बंध है। आत्मा की सिग्नल भी उसको नहीं मिलती। हमें इस दिशा में रचनात्मक प्रयास करना होगे।

अति पुलिस उपायुक्त अनिल पाटीदार ने कहा कि व्यक्ति को किस बात की चिंता है समझ में नहीं आ रहा है। पाच मिनिट जल्दी पहुंचकर उसे क्या करना है उसे मालूम नहीं है। महानगर में रहने की कस्बाई आदत हमारी नहीं छूटी है। यातायात के लिए हमें अपनी आदते भी बदलना होगी। हम जल्द ही शहर के लोगों को चौराहे पर चलना सिखा देंगे। जिस घर में युवा कि सड़क दुर्घटना में मोत होती है, उसी घर में कुछ दिन बाद दूसरा व्यक्ति बिना हेलमेट पहने दवाई लेने जाता है। हमारे पास ज्ञान कूटकूटकर भरा है, किन्तु दूसरों के लिए।

इस अवसर पर यातायात पुलिस के प्रधान आरक्षक विवेक पाटिल जमिदार अमित यादव, संपद काजिम हुसैन रिजवी एवं आरक्षक सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर निशुल्क रक्त परीक्षण शिविर भी लगाया गया।