गज़ब! बाबा भोलेनाथ का अनोखा भक्‍त, साइकिल से 27 दिनों में रायपुर से पहुंचा केदारनाथ

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Lord Bholenath Unique Devotee: भोले की भक्ति से भरपूर श्रावणमास शुरू हो शुका है। हर कोई भक्त भोले की भक्ति में रमा हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में आपने देखा होगा देशभर में कई सारे मंदिर फेमस है जहां सावन के महीनों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। कई भक्त अमरनाथ तो कोई केदारनाथ बाबा के दर्शन को जा रहे है।इस बीच एक ऐसे भक्त की कहानी सामने आई है, जो ट्रेन, हेलीकॉप्टर, बस या कर से नहीं बल्कि साइकिल से लगातार 27 दिनों का सफर करके बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचा है। 28 वर्ष के गगन सागर के दो बच्चे है। वे सरकारी बैंक में बैक मित्र का काम करते हैं।

जी हां, आपको जानकार हैरानी होगी छत्‍तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छोटे से गांव सिहारलटी के 28 वर्षीय युवक गगन सागर ने 2 जुलाई से लगातार 27 दिनों तक लगभग 2000 हजार किलोमीटर साइकिल से सफर कर केदारनाथ (Kedarnath) पहुंचे। उन्होंने बताया वे लगभग तीन-चार सालों से केदारनाथ जाने का सोच रहे थे परन्तु किसी न किसी कारणवश उनका जाना नहीं हो पा रहा था ऐसे में उन्होंने साइकिल उठाई और मन में ठानी की अब तो मैं जाकर ही रहूँगा और निकल गए केदारनाथ के सफर पर। आखिरी दिन जब वे हरिद्वार पहुंचे तो वहां से केदारनाथ लगभग 150 किमी दूर था। इस सफर को भी उन्होंने एक ही दिन में पूरा किया और आखिरकार केदरनाथधाम पहुँच गए।

पेट्रोल पंप और ढाबे पर गुजारी रातें
गगन ने बताया कि केदारनाथ के सफर के दौरान मैं सुबह 7 से साइकिलिंग करता था। दोपहर में खाना और थोड़ा आराम करने के बाद फिर शाम 7 बजे तक रात गुजारने के लिए ठिकाना ढुढ लेता था। सफर के लिए मैंने मैप की मदद ली। मैंने अपने साथ ज्यादा सामान भी नहीं रखा, ताकि मुझे सफर में आसानी हो। जरूरी सामान में मैंने केवल टेंट, कैंप गैस, पंचर किट, पंप के साथ डेली नीड्स का सामान रखा। रात में ठहरने के लिए मैंने पेट्रोल पंप और ढ़ाबे का सहारा लिया, क्योंकि यही जगह सुरक्षित होता है। उन्होंने बताया कि जब मैं हरिद्वार में पहंचे तो वहां से केदारनाथ की दूरी लगभग 150 किमी थी। तो मेरा धैर्य खो गया। फिर भी मैंने महादेव के दर्शन की लालसा में मैंने 150 किमी की दूरी एक दिन में तय की और मेरे बाबा के दर्शन करने पहुँच गया।

पत्‍नी और घरवालों को नहीं थी जानकारी
गगन ने बताया कि मेरे परिवार में किसी को जानकारी नहीं थी कि मैं केदारनाथ जा रहा हूं। सिर्फ मेरी पत्नी को यह पता था कि मैं ट्रेन से केदारनाथ जा रहा हूं। इस दौरान जब मैं निकल गया था तो दोस्तों के माध्यम से घरवालों तक सूचना पहुंची तो उसके बाद सभी लोग परिवार वाले बहुत नाराज थे। हालांकि सफर के दौरान मैंने रोजाना घरवालों से मोबाइल पर बातचीत की थी और जब मैंने केदारनाथ धाम की यात्रा साइकिल से पूरी कर ली तब सबको बहुत ख़ुशी हुई।