केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने PM मोदी की ओर से अजमेर शरीफ में चढ़ाई चादर, एकता और भाईचारे का दिया संदेश

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Kiren Rijiju Offering Chadar In Ajmer Dargah : भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाई। यह कदम 13वीं सदी के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स समारोह का हिस्सा था, जिसे रिजिजू ने “एकता और भाईचारे” का प्रतीक बताया। पीएम मोदी ने भी गरीब नवाज के 813 वें उर्स मुबारक के मौके पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं।

PM मोदी : ‘प्रेम और सौहार्द की भावना को बढ़ावा दें’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि ख्वाजा साहब का जीवन और उनके आदर्श समाज में प्रेम और सौहार्द बढ़ाने के लिए समर्पित थे। उनका योगदान समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आपसी जुड़ाव को सशक्त करता है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ख्वाजा साहब का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और उनके उर्स उत्सव से समाज में एकता और भाईचारे का संदेश फैलता रहेगा।

किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर साझा किया अहम पल

रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस विशेष अवसर को साझा करते हुए लिखा, “यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भावना तथा करुणा के स्थायी संदेश के प्रति गहरे सम्मान का प्रतीक है।” इसके साथ ही, मंत्री ने चादर चढ़ाते हुए पीएम मोदी के संदेश को भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने शांति, सद्भाव और एकता के महत्व पर बल दिया।

11वीं बार PM मोदी की ओर से चढ़ाई चादर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की शुरुआत से ही अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा को बनाए रखा है। इस बार यह 11वीं बार है जब पीएम मोदी ने इस धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया। यह परंपरा सांस्कृतिक और धार्मिक एकजुटता का प्रतीक बन चुकी है, जो समाज को जोड़ने का कार्य करती है।

रिजिजू ने दरगाह पर दी एकता और शांति का संदेश

रिजिजू ने अजमेर शरीफ दरगाह पर एक शांतिपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “उर्स के इस पावन अवसर पर, हम देश में सौहार्दपूर्ण माहौल की आशा करते हैं। दरगाह में सभी का स्वागत है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। यह हमारे राष्ट्र की विविधता और एकता का प्रतीक है।”

813वें उर्स मुबारक पर श्रद्धालुओं का उत्साह

इस साल के उर्स के दौरान अजमेर शरीफ दरगाह में देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की प्रेम, करुणा और समानता की शिक्षाओं को स्मरण किया। यह धार्मिक आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव बन चुका है।

रिजिजू ने यह भी बताया कि सरकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि तीर्थयात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न हो। सरकार द्वारा उर्स के आयोजन को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से अपनी आध्यात्मिक यात्रा को पूरा करने में मदद मिल सके।