FICCI के 10वें कृषि रसायन सम्मेलन का मंत्री तोमर ने किया शुभारंभ

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नई दिल्ली : फेडरेशन आफ इंडियन चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित 10वें कृषि रसायन सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि देश में नई प्रौद्योगिकी और सरकार की विभिन्न योजनाओं से किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। इस संबंध में उन्होंने कश्मीर की केसर का जिक्र किया, जहां सैफरान पार्क में आधुनिक सुविधाओं के विकास से उत्पादक किसानों को केसर का दाम एक लाख रूपए प्रति किलो से बढ़कर दो लाख रू. किलो मिल रहा है।

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है। कोविड के संकटकालीन समय में भी कृषि क्षेत्र का कामकाज बेहतर रहा है, कृषि आधारित उद्योगों की स्थिति भी कमोबेश बहुत संतोषजनक बनी रही है, इसीलिए सरकार द्वारा इस क्षेत्र को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़े और देश की जरूरतों की पूर्ति के साथ ही दुनिया के लिए भी आपूर्ति करने में भारत सक्षम बना रहे। हमारा चिंतन “वसुधैव कुटुम्बकम” पर आधारित है। इसी भावना से देश आगे बढ़ता रहा है, बढ़ता रहेगा।

श्री तोमर ने कहा कि अधिकांश कृषि उपज के मामले में दुनिया में भारत पहले या दूसरे स्थान पर है और हमारी कोशिश है कि देश इस दिशा में निरंतर बढ़ता रहे। कृषि उपज के निर्यात में भी भारत, विश्व में पहले 10 स्थान में शामिल हो चुका है, इस स्थिति को भी और आगे बढ़ाने की इच्छा किसानों व देश की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी चाहते है कि खेती के प्रति रूचि बढ़े व किसानों की आमदनी दोगुनी हों। अनेक योजनाओं के माध्यम से इस दिशा में काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) स्कीम में अभी तक 11.37 करोड़ किसानों को 1.58 लाख करोड़ रूपए सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को ऋण सहायता दी जा रही है, वहीं एक लाख करोड़ रूपए के ऐतिहासिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड द्वारा क्षेत्र की गैप्स भरी जा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पूरे प्रयत्न कर रही है कि किसानों को हर तरह से लाभ हों, आम लोगों व नई पीढ़ी की रूचि कृषि के प्रति बढ़े, खेती लाभकारी बनें, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो, कृषि के जरिये अधिकाधिक रोजगार पैदा हो, नई टेक्नालाजी का लाभ किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिलें। कृषि सुधार कानून के जरिये किसानों को बाजार की स्वतंत्रता मिली है, कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भी प्रारंभ किया है, जिसमें अभी तक साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार किया जा चुका है और इस साल दिसंबर तक 8 करोड़ किसानों का डाटाबेस पूरा हो जाएगा। सरकार 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।

श्री तोमर ने कहा कि रसायन उद्योग को नकारा नहीं जा सकता लेकिन प्रकृति का ख्याल रखते हुए किसानों को कैसे ज्यादा फायदा हो सकता है, इस बात पर ध्यान देना चाहिए। अति सर्वत्र वर्जयेत, इसलिए कोशिश की जाएं कि जैविक/प्राकृतिक खेती हो और इसके अलावा भी खेती में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। प्रकृति के विरूद्ध कोई भी इंसान या वर्ग जाता है तो परिणाम भी देखने को मिलते हैं, अतः जिन प्रयोगों में किसानों को अधिक लाभ मिले, उस दिशा में जाने की कोशिश होना चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि फिक्की जैसा विशाल संगठन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से देश के विकास में सतत सहयोग दे रहा है।

आज के इस सम्मेलन की थीम है: India@75: आत्मनिर्भर भारत के लिए कृषि रसायन उद्योग के सतत विकास में तेजी लाना। सम्मेलन को केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा, नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, कोर्टेवा एग्रीसाइंस एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष श्री पीटर फोर्ड तथा फिक्की की फसल संरक्षण समिति के अध्यक्ष श्री आर.जी. अग्रवाल के साथ ही अन्य पदाधिकारी श्री मनोज मेहता, डा. एस.पी. मोहंती आदि ने भी संबोधित किया।