नेता प्रतिपक्ष फोजिया शेख अलीम ने बताया कि इन्दौर शहर में कोरोना और लाॅकडाउन के चलते मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के नागरीक बेहद परेशान है। शिवराज सिंह मुख्यमंत्री व्दारा नगारिकों की आपदा खाद्यान्न राहत के अन्तर्गत अस्थाई राशन पात्रता पर्ची के आवेदन भरवाये जा रहे है। उन्हे 3 दिन में राशन देने का वादा किया था सरकार ने और अब झुठे वादो की पोल खुल गई है। 13 दिन बाद भी न पर्ची के पते है न राशन के
फोजिया शेख अलीम ने बताया कि आवेदन भरने के पष्चात् 5 माह का राशन निःशुल्क दिया जाना है । निःशुल्क राशन देने का वादा शिवराज सिंह की पिछले 15 साल की घोषणाओ जैसा साबित हुआ है। घोषणा करो और भूल जाओ केवल गेहु और चावल – अब लोग बिना पिसे गेहु खाए की बिना दाल के चावल बिना शक्कर की चाय पिये या बिना तेल की सब्जी बनाए । यह बात सोचने वाली है।
इन्दौर शहर में 85 वार्ड है प्रत्येक वार्ड में 500 से ज्यादा राहत के आवेदन आॅनलाईन हो चुके है 85 वार्डों में करीबन 42,500 आवेदन आॅनलाईन हो चुके है परन्तु आज 13 दिन के उपरांत भी इन्दौर शहर में प्रशासन द्वारा एक भी पात्रता पर्ची जारी नही की गई है और किसी एक भी सरकारी कन्ट्रोल दुकानों पर राशन नहीं आया केवल गरीबों के साथ झुठ के अलावा कुछ नहीं ।
फोजिया शेख अलीम ने कहा की में जनता के कुछ सवालो के जवाब म.प्र के मुखिया से पुछना चाहती हूः-
1. आपदा में तुरंत राहत पहुचाने के नियम भूले 3 दिन का कहा था । 13 दिन में भी राहत सामग्री क्यो नही पहुची ?
2. केवल गेहूं चावल दे रहे हैं। शहर में लॉकडाउन में गेहूं कैसे
उपयोग में लाए बताए ?
3. आपदा मैं अपने लोगों को कोरोना फेलेगा कह कर दुर कर दिया और राशन की पर्ची कंप्यूटर में चढ़ाने में जमा की भीड क्यो लगवाई ?
4. राहत के नाम पर सिर्फ गेहूं और चावल दिये जाएगे क्या शिवराज की आपके घर में भोजन केवल गेहूं और चावल से ही बनता है ?
5. शिवराज की नियत साफ नहीं आपाद में लोगों से गेहू चावल के फॉर्म भराए वह भी अस्थाई । गरीबो को स्थाई पत्रता पर्ची क्यो नही दि गई ?
6. जब आपके पास गरीबों को देने के लिए गेहूं चावल भी नहीं है तो 5 महीनों के झूठी घोषणा कर लोगो को क्यो उम्मीद दिलाई ?
7. 25 मई हो चुकी है 1 जून से मध्यप्रदेश अनलॉक की प्रक्रिया शुरू 5 दिन में कैसे बाटेंगे राशन ?
8. अब तक किसी भी खाद्य भंडार में क्यो नहीं पहुंचाना अनाज ?
9. राहत में आटा, दाल, शकर, तेल क्यो नही देगी शिवराज सरकार ?
10. मासूम जनता को झूठ बोल कर राशन नहीं देने की सजा क्या
होनी चाहिए?