उमा भारती के तीखे तेवर, बोली- MP में शराब बंदी कराकर रहूंगी

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भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब बंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तीखे तेवर देखने को मिले। दरअसल, आज यानि शनिवार को प्रदेश राजधानी भोपाल में अपने सरकारी निवास पर पत्रकारों से चर्चा में उमा ने कहा कि प्रदेश में शराब बंदी कराकर रहूंगी। उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा (19 अक्टूबर) से शराब बंदी अभियान शुरू करूंगी और 15 जनवरी 2022 से खुद सड़क पर उतर जाऊंगी। ये अभियान शराब बंदी के लिए अधिकार प्राप्त प्राधिकरण बनाने के लिए होगा। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराब बंदी माडल की तारीफ की।

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साथ ही उमा भारती ने कहा कि गंगाजी की यात्रा 15 जनवरी 2022 को पूरी कर रही हूं। गंगाजी को गंगासागर छोड़कर आऊंगी और वहां से यही तय करके लौटूंगी कि मध्य प्रदेश में शराब बंदी होकर रहेगी। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी, तब घोषणा पत्र में नहीं डाला था कि शराब बंदी करेंगे, पर मेरी आत्मा में था। मैंने अधिकारियों से कहा था राजस्व (सरकार की आमदनी) के लिए अलग से रास्ता निकालें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में यह देखा कि एक भी व्यक्ति शराब से नहीं मरा। क्योंकि दुकानें बंद थीं। शराब की दुकानें खुलने के बाद कई लोगों की मौत हुई है। वे शराब बंदी अभियान चला रहीं महिलाओं से चर्चा भी करेंगी। उन्होंने कहा कि मैंने शिवराज सिंह चौहान से कहा था कि अबकी बार ऐसी सरकार हो, जो गांधीजी के आदर्शों पर चले।

उमा भारती ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नशाबंदी और शराब बंदी जागरुकता अभियान से ही संभव है, पर मेरा मानना है कि शराब बंदी जागरुकता से नहीं, लठ्ठ से होगी। इस दौरान पूर्व सीएम उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश आज अपने दम पर खड़ा हुआ है। इसलिए शिवराज का अभिनंद करना चाहिए। अब दोनों की जोड़ी के नेतृत्व में प्रदेश में शराब बंदी हो जाए।

उमा भारती ने कहा कि नरेन्द्र मोदी चुनौतियों से डगमगाते नहीं हैं। वे 15-20 साल देश के प्रधानमंत्री बने रहें और मध्य प्रदेश में भी भाजपा की सरकार रहे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा निर्विरोध जीत की तरफ अग्रसर है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं बचा है। इसलिए प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते-आते निर्विरोध जीत की स्थिति बन जाएगी।