उज्जैन। बहुचर्चित मामले झिंझर कांड में उज्जैन के एसपी, एडिशनल एसपी, सीएसपी समेत कई अन्य पुलिसकर्मी को दोषी मानते हुए हटा दिया गया था। साथ ही अधिकारियों ने कुछ पुलिस कर्मचारियों को सलाखों के पीछे भेजने की भी कार्यवाही की थी। जिसमें एक महाकाल थाने में पदस्थ आरक्षक सुरेश खोड़े को भी जेल भेज दिया गया था। जिसकी देर रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।
बता दे कि, आरक्षक पूर्व में खाराकुआ थाने में पदस्थ था। वही कुछ दिन पहले ही इनका महाकाल थाने में तबादला हुआ था। हालांकि इन दोनों थानों के कुछ पुलिसकर्मियों की झिंझर कांड में मिलीभगत अधिकारियों ने मानी थी। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
वही, जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने कहा कि, देर रात लॉकअप होने के बाद हमें सूचना मिली थी कि आरक्षक की तबियत बिगड़ गई है। जिसके बाद हमने डॉक्टर को बुला लिया था। जिसके बाद ताबड़तोड़ आरक्षक को जिला अस्पताल उपचार के लिए रेफर कर दिया गया था। मानसिक टेंशन के चलते इस तरह की घटना हुई है।
आपको बता दे कि, उज्जैन में अक्टूबर महीने में जहरीली झिंझर शराब (पोटली) से लगभग 14 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद यह मामला निगमकर्मियों से होते हुए खाराकुआं थाने की पुलिस तक पहुंच गया था। इस संबंध में निलंबित आरक्षक अनवर और नवाब के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया गया था।