Ujjain News: जिले में वायु गुणवत्ता सुधार संबंध में संभागायुक्त ने ली समीक्षा बैठक

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उज्जैन 16 मार्च: संभागायुक्त संदीप यादव ने मंगलवार को म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उज्जैन द्वारा नान अटेनमेंट सिटी के रूप में चयनित उज्जैन जिले में वायु गुणवत्ता सुधार के सम्बन्ध में संभागीय समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल एवं सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।

म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उज्जैन के रिजनल मैनेजर ने बताया कि राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन कार्यक्रम के अन्तर्गत उज्जैन शहर के चार स्थानों पर सप्ताह में दो दिन परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत नगर निगम उज्जैन, जिला उद्योग केन्द्र, श्री महाकाल मन्दिर परिसर, क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शामिल है, जहां मापन का कार्य किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त महाकाल मन्दिर परिसर में फेसिलिटी सेन्टर भवन की छत पर वर्ष 2017 से ऑनलाइन कंटीन्युअस एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित किये गये हैं। मॉनीटरिंग परिणामों को महाकाल मन्दिर परिसर में स्थित डिस्प्ले बोर्ड पर तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल की वेब साइट पर प्रदर्शित किया जा रहा है।

बैठक में बताया गया कि मक्सी रोड पर भी वायु प्रदूषण का स्तर उच्च था। अवधपुरी एवं इण्डस्ट्रीयल इलाके में भी वायु प्रदूषणमापी यंत्र लगाये गये हैं, जहां बहुत ज्यादा प्रदूषण हो ता है, वहां यंत्र लगाये जा रहे हैं। संभागायुक्त ने वायुमापी यंत्र के क्राइटेरिया की जानकारी ली और निर्देश दिये कि जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है, वहां तो वायुमापी यंत्र लगाये जायें, इसके अलावा शहर के अन्य स्थानों पर भी वायुमापी यंत्र लगाये जायें। संभागायुक्त ने कहा कि वर्तमान में कुछ ऐसी जगह पर यंत्र लगाये गये हैं, जहां बहुत ज्यादा प्रदूषण है।

होना यह चाहिये कि प्रदूषित जगह के अलावा शहर के अन्य स्थानों पर भी यंत्र लगाये जायें। बताया गया कि 2016 के बाद वायु प्रदूषण का स्तर उज्जैन जिले में घट गया है और यह सब विशेष साफ-सफाई करने के प्रयासों के कारण संभव हो पाया है। संभागायुक्त ने बिना सीएनजी गैस के चलने वाले वाहनों को विशेष तौर पर देखने एवं जांच करने के निर्देश दिये।

उन्होंने पेट्रोल पम्पों पर भी स्कोप मीटर रखकर प्रदूषण चेक करने के निर्देश दिये। संभागायुक्त ने कहा कि विभाग एक माह तक लगातार ठीक से चेकिंग करे तो वास्तविक प्रदूषण के बारे में जानकारी सामने आ पायेगी। उन्होंने जिले में सीएनजी से चलने वाले वाहनों की जानकारी ली। बताया गया कि ई-रिक्शा भी सीएनजी से चल रहे हैं।

उन्होंने हफ्ते में दो बार वायु प्रदूषणमापी यंत्र को चेक करने के भी निर्देश दिये। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि जिन पेट्रोल पम्पों में स्कोप मीटर लगा है, इसकी जानकारी से उन्हें अवगत कराया जाये। कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी रिपोर्ट नगर निगम को भी प्रेषित करे। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि वर्तमान में चार नई वायु प्रदूषणमापी यंत्रों की जिले में सप्लाई होने वाली है। रिजनल मैनेजर कलेक्टर से चर्चा कर इसे शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाना सुनिश्चित करें।

बताया गया कि उज्जैन शहर को वर्ष 2011 से 2015 तक परिवेशीय वायु गुणवत्ता में पर्टिकुलर मेटर पीएम-10 की मात्रा लगातार अधिक पाये जाने के कारण केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नान अटेनमेंट सिटी के अन्तर्गत रखा है। वर्ष 2011 से वर्ष 2015 तक उज्जैन में 98 यूजीएम-3 एवं 93 यूजीएम-3 की मात्रा पाई गई है। नान अटेनमेंट सिटी वायु गुणवत्ता सुधार हेतु बेसलाइन के अनुसार आगामी पांच वर्षों में वायु प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।