उज्जैन 25 फरवरी: उज्जैन विकास योजना 2035 के प्रारूप के सम्बन्ध में विकास योजना के प्रकाशन के उपरान्त 21 दिन होने पर समिति की प्रथम बैठक आयोजित की गई। बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर तथा ग्राम निवेश के कार्यपालन यंत्री साध सहित विभिन्न सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे। बैठक में सभी आपत्तिकर्ताओं एवं सुझाव देने के वाले व्यक्तियों को आमंत्रित कर उनकी सुनवाई करने के लिये आगामी मार्च माह में बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्राप्त आपत्तियों एवं सुझावों में अधिकांश सुझाव एवं आपत्ति सिंहस्थ भूमि को लेकर प्राप्त हुई है। इनमें किसी क्षेत्र की भूमि को सिंहस्थ से हटाने अथवा नये क्षेत्र को शामिल करने की बात कही गई है। साथ ही सिंहस्थ क्षेत्र को यथावत रखने, सिंहस्थ क्षेत्र में धर्मशाला, स्कूल एवं अन्नक्षेत्र आदि के लिये अनुमति प्रदान करने, नवीन मार्ग प्रस्तावित करने, मार्ग की चौड़ाई को कम करने, शिप्रा नदी के दोनों किनारों से 200 मीटर क्षेत्र में मन्दिर एवं अस्पताल निर्माण की अनुमति प्रदान करने, 200 मीटर क्षेत्र को कम करने जैसी आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।
इसी तरह नागदा विकास योजना 2035 के लिये भी बैठक में चर्चा की गई। इस योजना का प्रारूप प्रकाशन होने के उपरान्त 73 आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें ग्रीन बेल्ट को यथावत रखने, कृषि भूमि को आवासीय करने, दक्षिण रिंग रोड को चंबल किनारे होकर गुजारने, नागदा के निवेश क्षेत्र को बढ़ाने, बनबना तालाब के सौन्दर्यीकरण आदि से सम्बन्धित सुझाव प्राप्त हुए हैं।
कार्यपालन यंत्री नगर तथा ग्राम निवेश ने बताया कि उज्जैन एवं नागदा शहर की विकास योजना 2035 का प्रारूप 8 जनवरी 2021 को प्रकाशित किया गया। 6 फरवरी 2021 तक आपत्ति एवं सुझाव मांगे गये थे। समिति का प्रथम सम्मेलन 21 दिवस में करना अनिवार्य है। समिति द्वारा की जाने वाली अनुशंसाओं को 135 दिन की कालावधि में अनुमोदन करते हुए संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को प्रस्तुत की जायेगी।