उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोमवार 19 सितम्बर को उज्जैन के होटल अथर्व में सद्गुरूदेव ब्रह्मलीन पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के श्रीचरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि उनका तेज ओजस्वी था। उनकी वाणी सुनते थे तो साक्षात स्वामी विवेकानन्द जैसी वाणी सुनाई देती थी। एक नई ऊर्जा का प्रवाहमान था। ऐसे ओजस्वी एवं सनातन धर्म की ध्वजा को फहराने में अग्रणी श्री गिरि महाराज को श्रद्धा सहित नमन करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के तीन मार्ग हैं- ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग तथा कर्म मार्ग। ये तीनों त्रिवेणी स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज में थी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की, उज्जैन में लाल पुल से हरसिद्धि मन्दिर तक के सड़क मार्ग का नाम अब ब्रह्मलीन सत्यमित्रानन्द गिरिजी के नाम से होगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ब्रह्मलीन सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज हमेशा जगत के हित के कल्याणकारी कामों में सदैव लगे रहते थे। उन्होंने समाज में अच्छे कार्यों की जागरूकता फैलाने का काम किया। भारत माता का मन्दिर उन्होंने बनाया है, जो अद्भुत है। आज उनकी प्रतिमा का उज्जयिनी में अनावरण हुआ है। वे सदैव हमारे मन में रहेंगे।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरिजी, स्वामी गोविन्ददेव गिरिजी, स्वामी पुण्यानन्द गिरिजी, स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरिजी, स्वामी चिदानन्द महाराज, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल, माखनसिंह चौहान आदि ने ब्रह्मलीन सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप-दीपन कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
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छत्रसाल युनिवर्सिटी के अध्यक्ष एवं कुलपति डॉ.टीआर थापक ने दिया तथा डॉ.थापक एवं जनप्रतिनिधियों ने अतिथियों का स्वागत किया। समन्वय परिवार के सचिव श्री महेश कानड़ी ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज की मूर्ति बनाने वाले श्री नरेश भारद्वाज का सम्मान किया। इस अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया।