इंदौर 27 फ़रवरी,2021: जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि वे अपने विभाग के माध्यम से मध्यप्रदेश के प्रत्येक ज़िले में दो तालाबों का जीर्णोद्धार कर उसे मॉडल तालाब बनाएंगे। उन्होंने आज सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बोरानाखेड़ी तालाब का निरीक्षण किया और कहा कि अभियान की शुरुआत इस तालाब से की जाएगी। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह एवं अन्य संबंधित अधिकारी तथा राजेश सोनकर, संदीप नवलेकर तथा सैकड़ों की संख्या में आस-पास के ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मंत्री तुलसीराम सिलावट ग्राम बोरानाखेड़ी पहुँचे और यहाँ 44 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जल संसाधन विभाग के तालाब का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस तालाब का जीर्णोद्धार किया जाएगा। यह कार्य जनसहयोग से किया जाएगा। मंत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधि तालाब गहरीकरण में श्रमदान करेंगे। इसमें सभी की सहभागिता होगी। मौक़े पर मौजूद आस-पास के गांवों के सरपंचों ने भी श्रमदान में सहमति जतायी। सभी ने सूख चुके तालाब के बीच में खड़े होकर जीर्णोद्धार का संकल्प भी लिया।
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अपने संबोधन में कहा कि जल संरक्षण का यह पुनीत कार्य सभी की सहभागिता से किया जाएगा। इसे हम जल आंदोलन का रूप देंगे। उन्होंने कहा कि तालाब के जीर्णोद्धार से यहाँ जल स्तर बढ़ेगा, जिसका फ़ायदा किसानों को मिलेगा। उन्होंने तालाब की पाल को ऊँची करने के भी निर्देश दिए। सिलावट ने मौक़े पर उपस्थित जिला पंचायत के सी. ई. ओ. को अगले चार दिवस में इस जीर्णोद्धार कार्यों की पूरी योजना बनाने के निर्देश दिए। योजना बनाने के लिए आगामी मंगलवार को ग्रामीणों की उपस्थिति में कलेक्टर कार्यालय में बैठक रखने के लिए भी निर्देश दिए। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि तालाब हमारी धरोहर है।
बोराणा खेड़ी के इस तालाब में विदेशी प्रवासी पंछी भी ठण्ड के दिनों में आते हैं। हम यहाँ जल संपदा बढ़ाएंगे, जिससे अधिक से अधिक संख्या में पक्षी आ सकें। सिलावट ने निकट के — खेमाना और अरणखेड़ी गाँव का भी भ्रमण किया और यहाँ के तालाबों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सभी तालाबों को संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा।अपने उद्बोधन में मंत्री सिलावट ने कहा कि आज से पच्चीस बरस पहले हम ग्रामवासी नदी और तालाबों का जल पेयजल के रूप में भी उपयोग में लाते थे, यह शुद्ध हुआ करता था, लेकिन आज दुर्भाग्य यह है कि नदी-नाले, तालाब सभी सूख चुके हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि तालाबों की ज़रूरत जितनी मानव समाज को है, उससे ज़्यादा कहीं पालतू पशुओं और अन्य पशुओं को भी है। तालाब सूखने से आज मवेशियों के लिए भी पीने के पानी का नैसर्गिक स्रोत समाप्त हो चुका है। हमें इस परिस्थिति में बदलाव लाना है। मध्यप्रदेश के ऐसे सभी बड़े तालाब जिनका रक़बा 50 हेक्टेयर से अधिक है सभी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। सिलावट ने कहा कि तालाबों का गहरीकरण, जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और निकटवर्ती क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाते हुए वहाँ वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने ग्राम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि लगभग 80 एकड़ रकबे वाले इस तालाब में दस फ़ीट की गहराई तक गहरीकरण किया जाएगा, इसकी पाल ऊँची की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री सिलावट ने इस तालाब के जीर्णोद्धार के लिए काफ़ी समय से निर्देश दे रखे थे । उन्होंने बताया कि अगले 2 महीनों में यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। जिसमें हम सभी अधिकारी भी श्रमदान करेंगे।मंत्री सिलावट के भ्रमण के दौरान क्षेत्रीय एसडीएम, तहसीलदार एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।