हर साल 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें केवल ईसाई धर्म के लोग ही नहीं, बल्कि विभिन्न धर्मों के लोग भी भाग लेते हैं। खासकर भारत में यह त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जहां स्कूलों में कार्यक्रम होते हैं और सार्वजनिक एवं निजी संस्थानों में अवकाश रहता है। इस दिन के दौरान, सैंटा क्लॉज की परंपरा भी खास अहमियत रखती है, जिनके बारे में हम जानते हैं कि वह लोगों की इच्छाएं पूरी करने के लिए आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सैंटा क्लॉज कौन थे और उनकी असली कब्र कहां है? आइए जानते हैं उनके इतिहास और इस रहस्यमयी सवाल का जवाब।
क्या हैं सैंटा क्लॉज का असली नाम ?
सैंटा क्लॉज, जिन्हें हम आज के दिन ढेरों उपहार देने वाला चरित्र मानते हैं, असल में एक ऐतिहासिक व्यक्ति थे जिनका नाम सेंट निकोलस था। उनका जन्म 280 ईस्वी में तुर्की के मायरा शहर में हुआ था, जो अब तुर्की के अंटाल्या राज्य का हिस्सा है। सेंट निकोलस के जीवन के बारे में यह माना जाता है कि वह एक महान धर्मगुरु थे जिन्होंने अपनी सारी संपत्ति गरीबों और जरूरतमंदों को दान कर दी। वह मायरा के बिशप बने और उन्हें अच्छाई और दया का प्रतीक माना जाता है। उनका निधन 6 दिसंबर 343 को हुआ था।
सेंट निकोलस और सैंटा क्लॉज के बीच क्या हैं संबंध?
सेंट निकोलस और आधुनिक सैंटा क्लॉज के बीच एक दिलचस्प संबंध है। ऐसा माना जाता है कि सेंट निकोलस का चरित्र समय के साथ मिश्रित होकर सैंटा क्लॉज, फादर क्रिसमस, और क्रिस क्रिंगल के रूप में विकसित हुआ। इन सबका उद्देश्य था बच्चों को खुश करना और उन्हें उपहार देना, जो सैंटा क्लॉज की परंपरा का आधार बना।
संत निकोलस और ईसा मसीह के बीच गहरा संबंध
कहा जाता है कि संत बनने से पहले निकोलस एक अनाथ थे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेटिकन न्यूज के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति जरूरतमंदों, गरीबों और बीमारों को दान कर दी थी। इसके बाद, वे मायरा के बिशप बने। यह भी कहा जाता है कि सेंट निकोलस ने 325 में काउंसिल ऑफ नाइसिया में बिशप के रूप में पद ग्रहण किया, वही काउंसिल जहां ईसा मसीह को ईश्वर का पुत्र होने की घोषणा की गई थी।
सैंटा क्लॉज का और फादर क्रिसमस का मिलाजुला चरित्र
आज हम सैंटा क्लॉज को खुशमिजाज और उपहार देने वाले के रूप में जानते हैं, लेकिन उनके चरित्र की जड़ें सेंट निकोलस, क्रिस क्रिंगल और फादर क्रिसमस में हैं। समय के साथ इन सभी चरित्रों का मिलाजुला रूप बना, जिससे आज का सैंटा क्लॉज अस्तित्व में आया।
कहां दफनाए गए थे सेंट निकोलस ?
सेंट निकोलस की कब्र के बारे में कई तरह के सिद्धांत हैं, जो आज तक अनसुलझे हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उनका शरीर आयरलैंड में दफनाया गया था, जबकि कुछ का दावा है कि उनकी असली कब्र तुर्की के मायरा में स्थित है, जहां एक चर्च के अंदर उनकी कब्र है। वहीं, एक और कहानी यह भी है कि उनके शव को चुराकर इटली के बारी शहर में स्थित बासिलिका दी सैन निकोला चर्च में दफनाया गया था।
आयरलैंड में सेंट निकोलस की कब्र?
आयरलैंड के किलकेनी जिले के पास ओ’कोनेल जोरपॉइंट पार्क में स्थित खंडहर में एक कब्रिस्तान पाया गया है, जिसमें दावा किया जाता है कि सेंट निकोलस की कब्र इसी स्थान पर है। यह जगह 13वीं सदी की है और यहां के स्थानीय लोग मानते हैं कि सेंट निकोलस का शव इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। हालांकि, यह दावा पूरी तरह से प्रमाणित नहीं हो पाया है।
इतिहासकारों का मानना है कि सेंट निकोलस के शव को चुराकर इटली के बारी शहर में स्थित बासिलिका दी सैन निकोला चर्च के तहखाने में दफनाया गया था। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके शरीर से संबंधित सामान या तो चुराया गया था या उसे उपहार के रूप में बांट दिया गया था।
कैसे सामने आया सैंटा क्लॉज का चेहरा
हाल ही में वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सैंटा क्लॉस का चेहरा बनाने का दावा किया है। न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने सेंट निकोलस की खोपड़ी के डेटा का विश्लेषण करके उनका चेहरा तैयार किया। यह शोध 1700 साल बाद हुआ, जब सेंट निकोलस का निधन हुआ था। इस प्रोजेक्ट के प्रमुख शोधकर्ता, सीसेरो मोराएस (Cicero Moraes) ने बताया कि सेंट निकोलस के चेहरे को बनाने के लिए उन्होंने 1950 में लुइगी मार्टिनो द्वारा एकत्रित किए गए डेटा का उपयोग किया।
इस अध्ययन में सेंट निकोलस के शरीर के अवशेषों का भी गहन विश्लेषण किया गया। इससे यह सामने आया कि उनकी रीढ़ और पेल्विस में क्रोनिक आर्थराइटिस था और उनकी खोपड़ी अपेक्षाकृत मोटी थी, जिससे उन्हें लगातार सिर दर्द की समस्या रहती होगी। इस शोध में उपयोग किए गए अवशेष पहले मायरा में दफनाए गए थे, बाद में इन्हें इटली लाकर बारी में दफना दिया गया था।