नई दिल्ली। कश्मीर मसले पर पाक समर्थित रवैये के चलते भारत तुर्की के खिलाफ कड़ा कदम उठाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारत तुर्की को संवेदनशील सैन्य हथियारों और विस्फोटक सामग्री के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है। दरअसल, तुर्की के पाकिस्तान के साथ संबंध पहले से मजबूत होत जा रहे हैं, ऐसे में आशंका है कि सैन्य हथियारों का दुरुपयोग हो सकता है।
गौरतलब है कि तुर्की ने हाल ही में सीरिया पर हमला भी बोल दिया था। जिसकी भारत ने आलोचना की थी और कहा था कि तुर्की के इस कदम से मध्य-पूर्व में अस्थिरता पैदा हो सकती है। जिसके बाद भारत सहित दुनिया के तमाम देशों से बढ़ते दवाब के चलते तुर्की ने सीरिया में कुर्द लड़ाकों के खिलाफ हमले पर रोक लगा दी थी।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट की माने तो भारत ने तुर्की को संवेदनशील हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं तुर्की राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप द्वारा कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का समर्थन करने और इसी मुद्दे पर भारत-विरोधी बयान देने। साथ ही उसके द्वारा इस्लामाबाद को हथियार निर्यात बढ़ने के चलते संभावना जताई जा रही है कि शायद ही निर्यात फिर से शुरू हो।
बता दे कि भारत ने 2016 से पाकिस्तान के सहयागी तुर्की के साथ संबंधों के सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया था। 2016 में तुर्की में तख्तापलट की कोशिश विफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एर्दोगन से फोन पर चर्चा की थी। वहीं 2017 में जब रेचेप तैय्यप दोबारा तुर्की के राष्ट्रपति बने तबीाी उन्होंने भी अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना। तब से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते मजबूती आई थी। लेकिन कुछ मुद्दों पर अब भी दोनों देशों के बीच मतभेद हैं।
गौरतलब है कि कश्मीर मसले पर तमाम मुस्लिम देश भारत का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन, मलेशिया और तुर्की कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़े थे। ऐसे में इन देशों से व्यापारिक संबंध खत्म करने की मांग की जा रही है। बीते दिनों भारतीय व्यापारियों के एक संगठन ने मलेशिया से पाम तेल लेने से इनकार कर दिया था और इंडोनेशिया का रूख किया था।